पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने समस्तीपुर के रोसड़ा में सफाईकर्मी राम सेवक राय की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध मौत को लेकर गंभीर सवाल उठाया है. उन्होंने मामले की जांच रिटायर जज के द्वारा कराए जाने की मांग की. साथ ही कहा कि पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए और सरकारी नौकरी दी जाए.
एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने संजय पासवान के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम गठित की थी. टीम ने रोसड़ा में नगर परिषद कर्मी राम सेवक राम के घर जाकर उसके परिजनों से भेंट की और मामले की पूरी जानकारी ली. इस बारे में एलजेपी नेता ने कहा कि पुलिस की पिटाई से पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हुई है. राम सेवक राम अपने वेतन की मांग कर रहे थे, इशी को लेकर उसको पीटा गया.
प्रधान महासचिव संजय पासवान ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार की पुलिस दिन-रात शराब माफियाओं के साथ मिलीभगत कर शराब का धंधा कराने में मशगूल रहती है. उन्होंने कहा कि मृतक राम सेवक राम के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही इस घटना की जांच रिटायर जज के द्वारा कराई जाए.
एलजेपी नेता ने कहा कि पत्रकारों पर जो फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उसे प्रशासन अभिलंब वापस ले. उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे ग्रामीण निर्दोष हैं, लिहाजा उन पर से भी मुकदमा वापस लिया जाए.
दरअसल पिछले शुक्रवार को पुलिस ने ईओ जयचंद्र अकेला को थप्पड़ मारने के आरोप में राम सेवक को गिरफ्तार किया गया था. हाजत में ही रविवार की शाम सफाईकर्मी की तबीयत अचानक खराब हो गई. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए पुलिस ने रोसड़ा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. स्थिति सामान्य नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने उसे पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया था. इसके बाद परिजन उसे पटना ले जाने के बजाए इलाज के लिए वापस रोसड़ा लेकर चले गए थे. बुधवार को फिर से रामसेवक को उसके घर के लोग वापस इलाज करवाने के लिए पीएमसीएच पटना में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.