मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची देश विदेश में प्रसिद्ध है। सरकार अब लीची को अन्य ऐसे जिले तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी है जहां लीची का उत्पादन कम होता है या होता ही नहीं है। इसके लिए कई जिलों में भूमि को चिन्हित भी किया गया है।
कहा जाता है कि लीची की मांग बिहार के अलावा देश के कई शहरों में है। तोड़ी गई लीची बहुत दिन तक नहीं रखी जा सकती, इस कारण कृषि विभाग अन्य जिलों में भी लीची का रकबा बढ़ाने की कोशिश में जुटी है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के 11 जिलों में लीची की खेती के लिए भूमि चिह्न्ति की गयी है।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में 153418 हेक्टेयर, पूर्णिया में 303281, पूर्वी चंपारण में 300271, पश्चिमी चंपारण में 285287, मधुबनी में 275541, कटिहार में 263518, बांका में 235738, औरंगाबाद में 198376, सीतामढ़ी में 167797, भागलपुर में 131687 तथा पटना में 124329 हेक्टेयर भूमि चिह्न्ति की गयी है।
उन्होंने कहा कि इन चिन्हित भूमि पर लीची की खेती के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कई अन्य जिलों में भी लीची के उपयुक्त भूमि की पहचान की गई है। देश में सबसे अधिक लीची का उत्पादन बिहार में होता है।