रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट लाइट हाउस शुरू से ही विवादों में रहा है. कभी जमीन को लेकर तो कभी निर्माण को लेकर अनियमितता की बात सामने आई. अब लाइट हाउस पूरी तरह से बनकर तैयार है. वहीं लाभुकों से एग्रीमेंट भी हो चुका है. लेकिन हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पा रही है. इसका खामियाजा लाइट हाउस में घर लेने वाले लोग भुगत रहे है. इतना ही नहीं पैसे चुकाने के बावजूद किराए के घरों में रहने को मजबूर है. बता दें कि लाइट हाउस का उद्घाटन भी 10 मार्च 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों करा दिया गया. ढाई महीने बीतने के बाद भी इसे लेकर कोई पहल नहीं किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है.
अप्रैल तक ही शिफ्ट कराने की थी योजना
पीएम ने वर्चुअल रूप से लाइट हाउस का उद्घाटन किया था. इसके बाद नगर प्रशासन निदेशालय के डायरेक्टर आदित्य कुमार आनंद ने 10 लाभार्थियों को टोकन वितरण के रूप में घरों की चाबियां सौंपी. साथ ही कहा था कि आवास इकाइयों के सभी लाभुकों को चरणबद्ध तरीके से अप्रैल तक आवास उपलब्ध करा दिए जाएंगे. रांची के धुर्वा इलाके में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का वर्चुअल शिलान्यास भी प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. लाइट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) के तहत, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए किफायती दरों पर 1,008 घर बनाए गए हैं. जिसमें प्रति फ्लैट कार्पेट एरिया लगभग 315 वर्ग फुट है. यह परियोजना 134 करोड़ रुपये की लागत से 7.5 एकड़ भूमि पर तैयार की गई है.
क्वालिटी जांच करने का आदेश
धुर्वा में नवनिर्मित लाइट हाउस की क्वालिटी जांच करने का आदेश नगर विकास विभाग ने नगर निगम को दिया है. जिसके लिए पत्र लिख कर जरूरी कार्रवाई करने को कहा है. नगर विकास विभाग को शिकायत मिली थी. इसके बाद निर्माण में गड़बड़ी के जांच करने का निर्णय लिया गया है. यह फ्लैट लाभुकों को 6.79 लाख रुपये में फ्लैट आवंटित किये गए है. बता दें कि निर्माण के दौरान लाइट हाउस प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था. जिसके बाद निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं.
इस मामले में लाइट हाउस प्रोजेक्ट सोसायटी के अध्यक्ष सुधीर तिवारी ने कहा कि आजतक बिल्डिंग हैंडओवर ही नहीं हुआ है. पीएम से उद्घाटन भी करा दिया. लेकिन पूरी बिल्डिंग की हालत ही खराब है. दीवारों में शिपेज हो रही है. कहीं पर बाथरूम किचन की फिटिंग नहीं है. काम में भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. पहले भी इसकी शिकायत हमलोगों ने की है. कुल मिलाकर इसमें लाभुक फंस गए है. पैसे देने के बाद भी अपना घर नहीं मिल पा रहा है.
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