रांची। अपर न्यायायुक्त एसएम सहजाद की अदालत ने बुधवार को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के जोनल कमांडर जेठा कच्छप सहित तीन को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनायी है। साथ ही तीनों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इनमें पीएलएफआई के सदस्य जेबिर उरांव, मेघु भगत शामिल हैं। इसी मामले के दो आरोपित सुख मंगल भगत तथा सनिका उरांव फरार हैं जबकि तारकेश्वर गोप को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। मामले में जेठा कच्छप की ओर से अधिवक्ता ईश्वर दयाल ने बहस की। जेठा कच्छप वर्तमान में गोड्डा जेल में है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वह अदालत में पेश हुआ। मामले में छह आरोपित ट्रॉयल फेस कर रहे थे।
मामला लापुंग थाना क्षेत्र का वर्ष 2011 का है। जमीन को लेकर विवाद में जेठा कच्छप सहति छह लोगों ने राम उरांव और उसकी पत्नी पर गोली चला दी थी। राम उरांव की पत्नी की घटनास्थल पर मौत हो गयी थी, जबकि राम उरांव की मौत इलाज के दौरान हुई थी। इस संबंध में मृतक परिजनों ने लापुंग थाना में 302, 307, आर्म्स एक्ट के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी।