Koderma : साल 2023 में हुए 8 साल के मासूम अलसमद के हत्यारे अबुबसर उर्फ राहिल की उम्र अब जेल में कटेगी। वह आखिरी हिचकी भी जेल में ही लेगा। एडीजे तृतीय राकेश चंद्रा की अदालत ने दोषी राहिल को उम्रकैद की सजा सुनायी है। साथ ही जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कोडरमा थाना कांड संख्या 169/23 में धारा 302, 364, 201भादवि के तहत आरोपी को दोषी मानते और धारा 302 में लाइफ टिल लास्ट ब्रेथ और 25 हजार का जुर्माना की सजा सुनायी। वहीं, धारा 364 में 10 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 201 में 3 साल की सजा और एक हजार का जुर्माना लगाया है।
क्या था पूरा मामला
जिला मुख्यालय स्थित जलवाबाद के रहने वाले मो. रिजवान के आठ साल के बेटे अलसमद का 14 सितंबर 2023 की शाम को पहले किडनैप किया गया, फिर उसकी हत्या कर बॉडी को पास के ही एख बंद घर में छुपा दिया गया था। इसके बाद हत्यारे के परिजनों ने और अन्य कुछ लोगों ने बच्चा चोरी की अफवाह फैला कर पुलिस और मुहल्ले वालों को दिग्भर्मित कर दिया। इश घटना के कोडरमा के पुलिस कप्तान अनुदीप सिंह ने बेहद गंभीरता से लिया और कांड के उद्भेदन के लिए एक एसआईटी गठित की। हत्या के तीन रोज बाद बंद घर से बच्चे की डेड बॉडी बरामद की गयी थी। बंद घर में सिंटू कसाई मवेशियों को रखता था।
पीड़ित परिवार ने कोडरमा थाना में कांड संख्या 169/23 दर्ज कराते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पुलिस ने ताबड़तोड़ तफ्तीश की और संदेही गनहगारों अबुबसर उर्फ राहिल और नूर आलम जुनैद को उठा लिया। को उठा लिया। मिले साक्ष्य, सबूत और क्लू के आधार पर संदेही अबुबसर उर्फ राहिल को कोर्ट ने दोषी करार दिया और आखिरी हिचकी तक के लिए उम्रकैद की सजा सुनायी।
बदला लेने के के मकसद से की थी मासूम की हत्या
पुलिस और चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। दोनों ने अपने दिये गये बयान में खुलासा किया कि कुछ माह पहले उनके घर के पास एक मदरसे में करीब एक लाख तीस हजार रुपए की चोरी की थी, जिसके उद्भेदन में मासूम अलसमद के मामा ने अहम भूमिका निभायी थी। चोरी के पैसे उसने लौटा दिए, पर परिवार की बदनामी हुई थी। बदला लेने के वास्ते उसने मासूम अलसमद की गला घोंटकर निर्मम हत्या कर शव को एक बंद घर में छुपा दिया था।
गूगल और यूट्यूब की सर्च हिस्ट्री ने खोले कई राज
टेक्निकल सेल ने जब अबूबसर उर्फ राहिल के पास से जब्त मोबाइल की गूगल और यूट्यूब की सर्च हिस्ट्री खंगाली तो अभियुक्तों की मंशा स्पष्ट हुई। मासूम बच्चे की हत्या करने के कुछ दिन पहले ही राहिल और जुनैद ने यूट्यूब पर खूनी तस्वीर, किडनैपिंग सीआईडी, मनी गन, हाउ टू ब्लाक वाइस, किसी को मैसेज करें और अपना नंबर न आए, किसी को फेक नंबर से कॉल कैसे करें, वाई टू सेकंड सिम नाट सेविंग नेटवर्क, हत्या कर साक्ष्य कैसे छुपाएं जैसे सर्च किए थे। वहीं कांड के अभियुक्त और उसके पिता रिजवान उर्फ सिंटू कसाई के जब्त मोबाइल में एक दर्जन के करीब ईमेल एकाउंट भी मिले हैं, जो फर्जी नामों के बने हैं। दोनों बाप-बेटे के बीच घटना वाले दिन से शव मिलने तक कई बार बात हुई, जबकि दोनों का लोकेशन एक ही जगह है।
पुलिस डायरी में मिले कई साक्ष्य
पुलिसिया पूछताछ में अभियुक्तों ने सारे राज उगल दिए। सर्च हिस्ट्री में मर्डर से कुछ दिन पहले उसकी सुनियोजित तैयारी का पता चला। पुलिस ने इसे अपने केस डायरी में साक्ष्य के तौर पर न्यायलय में प्रस्तुत किया था। साथ ही कहा है कि इससे इनकी हत्या की मंशा स्पष्ट होती है।
परिजन बोले- न्याय की हुई जीत
आठ साल के मासूम बच्चे की हत्या मामले में कोर्ट द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास की सजा के बाद बच्चे के पिता मो रिजवान और माता तबस्सुम ने न्यायलय के प्रति आभार जताया। उन्होंने बस इतना कहा- अंततः सत्य की जीत हुई और न्यायलय ने मासूम बच्चे के हत्यारे को सजा सुनाई। पीड़ित परिवार ने न्यायलय के साथ एसपी अनुदीप सिंह, पीपी शिवशंकर राम, अधिवक्ता अनवर हुसैन, लीगल एडवाइजर मनोहर लाल और सब शुभचिंतकों के प्रति आभार जताया और ईश्वर का धन्यवाद दिया।
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