रांची। एडीजे आशा देवी भट्ट की अदालत ने बानो थाना कांड संख्या 71/18 के तहत नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित जितेंद्र बड़ाईक को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
जुर्माना नहीं देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। अदालत ने जुर्माना भरने पर राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। वहीं इसी मामले में अदालत ने स्पेशल चिल्ड्रन 3-19 के अंतर्गत सुनवाई करते हुए संतोष बड़ाईक को दस वर्ष कारावास एवं 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से प्रभारी लोक अभियोजक सुभाष प्रसाद ने साक्ष्य एवं दलीलें पेश की। कुल 19गवाहों की पेशी कराई गई। बता दें कि यह घटना 14 अक्टूबर 2018 की है।
बानो क्षेत्र की दो नाबालिग लड़कियां बाजार कर वापस घर लौट रही थीं. इसी क्रम में दोनों आरोपितों ने मिलकर दोनों नाबालिगों को मैजिक वाहन में बैठाकर घर छोड़ने की बात कही। लेकिन, वे उन्हें घर ले जाने के बजाए बडरप्पा जंगल में ले गए।
इसके बाद दोनों ने अलग-अलग बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने वापस घर आकर अपने स्वजनों को जानकारी दी और इसके बाद बानो थाना में मामला दर्ज कराया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपितों के अलग अलग सुनवाई की और उन्हें दोषी करार देते हुए उक्त सजा मुकर्रर की।