धनबाद: धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के केस में सीबीआई कोर्ट ने दोषियों को आजीवन कारावास और 25 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है.

इससे पहले 28 जुलाई को कोर्ट ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को जज उत्तम आनंद हत्याकांड का दोषी पाया था.

28 जुलाई 2021 को सुबह न्यायाधीश उत्तम आनंद को ऑटो ने टक्कर मार दी थी. जिसके बाद जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी, धनबाद के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में इस मामले का स्पीडी ट्रायल हुआ.

पांच महीने में 58 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के बाद 28 जुलाई 2022 की तारीख जजमेंट के लिए निर्धारित कर दी थी. सुनवाई के दौरान सीबीआई की क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने आरोप पत्र के कुल 169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया था.

सीबीआई ने दावा किया है कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी थी जिनसे उनकी मौत हुई.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हर दिन की तरह बुधवार को भी मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. इसी दौरान एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर गए. बाद में वहां से गुजर रहे दूसरे ऑटो चालक ने उन्हें SNMMCH पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें उन्हें एक ऑटो टक्कर मारते दिख रहा है. उत्तम आनंद चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे.

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