Ranchi : आज से 40 दिवसीय लेंट काल की शुरुआत हो गई है. जो ईसाई धर्मावलंबियों के लिए पश्चाताप और उपवास का समय होता है. इस दौरान ईसाई समुदाय आत्मशुद्धि और प्रार्थना में लीन रहते हैं. तमाम गिरजाघरों और चर्चों में विशेष मिस्सा प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा रहा है. संत मारिया महागिरजाघर में आज आर्च बिशप विसेंट आइंद की अगुवाई में विशेष मिस्सा प्रार्थना का आयोजन हुआ. यह लेंट काल 17 अप्रैल को समाप्त होगा.
लेंट काल के समाप्त होने के अगले दिन ही 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे और फिर 20 अप्रैल को ईस्टर मनाया जाएगा. ईसाई मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु ने कब्र से उठकर स्वर्ग जाने तक 40 दिन पृथ्वी पर बिताए थे. जिसे लेंट काल के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान ईसाई मसीही मांस, मछली, और मदिरा का त्याग करते हैं, ताकि वे प्रभु के साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा में और अधिक निकटता महसूस कर सकें.
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