रांची: राष्ट्रीय विधि अध्ययन एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (NUSRL) में जस्टिस एसबी सिन्हा की स्मृति में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय ने जस्टिस एसबी सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित कर की. कुलपति डॉ. अशोक आर पाटिल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जस्टिस सिन्हा के योगदान को याद किया. जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने अपने व्याख्यान में जस्टिस सिन्हा के न्यायिक योगदान को विस्तार से प्रस्तुत किया. उन्होंने जस्टिस सिन्हा की कार्यशैली की सराहना की और उनके प्रभावशाली फैसलों की चर्चा की. न्यायमूर्ति गवई ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले को संविधान के विकास में महत्वपूर्ण बताते हुए मौलिक अधिकारों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने संविधान की मूल संरचना में बदलाव पर भी प्रकाश डाला.
जस्टिस गवई ने मौलिक अधिकारों को संविधान की आत्मा बताते हुए सामाजिक-आर्थिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई. उन्होंने स्वच्छ वायु, जल और बेहतर पर्यावरण की आवश्यकता और सामाजिक-आर्थिक विकास के महत्व पर भी बल दिया. कार्यक्रम के अंत में अस्सिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ. जीसु केतन पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापन किया. आयोजन को सफल और गौरवपूर्ण बताते हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, विशेषकर न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई का आभार व्यक्त किया.
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