रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के पीजीटी टीचर नियुक्ति में गड़बड़ी के खिलाफ अभ्यर्थी राजभवन के सामने धरना दे रहे हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि 18 से 25 लाख रुपये लेकर परीक्षा पास कराया गया है. इसकी सीबीआई जांच कराई जाए. रविवार को नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, विधायक सीपी सिंह, अनंत ओझा, समरी लाल और अमित मंडल ने धरना स्थल पहुंचकर अभ्यर्थियों से मुलाकात की. अमर बाउरी ने कहा कि झामुमो सरकार में जितनी भी परीक्षाएं हुई सभी विवादों में घिर गई. हर परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा है. कुछ खास केंद्रों में सैकड़ों अभ्यर्थी पास हो जाते हैं. मूक-बधिर परीक्षा पास करने वाले बोलने लगते हैं. 5 लाख नौकरियां देने के वादे के साथ यह सरकार सत्ता में आई थी, लेकिन नौकरियां बेचकर युवाओं का सपना पूरा कर रही है. उन्होंने कहा कि जेएसएससी के कारनामों की सीबीआई जांच हो तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

कुछ खास परीक्षा केंद्रों से ही क्यों पास हुए सैकड़ों अभ्यर्थी

राजभवन के सामने धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा में धांधली हुई है. एक ही सेंटर से 70 से 80 प्रतिशत अभ्यर्थी पास हुए हैं. बोकारो जिला के श्रेया डिजिटल और रांची जिले के शिवा इनफोटेक से सबसे अधिक अभ्यर्थी पास हुए हैं. सिरिया डिजिटल से 513 अभ्यर्थी, शिवा इनफोटेक से 279 अभ्यर्थी पास हुए वहीं धनबाद डिजिटल से 273 पास हुए हैं. इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए.

ब्लैक लिस्टेड कंपनी ने आयोजित कराया परीक्षा

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा में पैसे का खेल हुआ है. 18 से 25 लाख रुपये तक अभ्यर्थियों से लिये गये हैं. परीक्षा आयोजित करने के लिए जिस एजेंसी को नियुक्त किया गया है, वह पहले से ही ब्लैक लिस्ट है. राज्य सरकार ने एसआईटी गठन कर जांच करवाने का फैसला भी लिया है, लेकिन अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं की गई है. जेएसएससी पीजीटी में ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन हुआ है जो दिव्यांग कोटा से आए हैं. यह एक बड़ा घोटाला है, जिसमें कई सफेदपोश शामिल हैं.

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