JoharLive Team
रांची । अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को पुलिस ने एटीआई के समक्ष रोक लिया, लेकिन आंगनबाडी सेविका और सहायिका मुख्यमंत्री के आवास के समक्ष जाने के लिए अड़ गयीं। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें 18 से अधिकअधिक सेविका और सहायिका घायल हो गयीं। घायलों में किसी का हाथ टूट गया, तो किसी के सिर पर चोट लगी। लाठीचार्ज के दौरान महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। लाठी चार्ज पुरूष पुलिसकर्मियों ने किया। जिस कारण सेविका और सहायिकाओं को गंभीर चोटें आयी। सेविका और सहायिकाओं ने बताया कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया। साथ ही गाली गलौज भी किया।
आंगनबाडी सेविका और सहायिका की प्रदेश अध्यक्ष वीणा सिन्हा ने कहा कि संघ की सभी कर्मी अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर शांतिपूर्वक मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान पुरूष पुलिसकर्मियों ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं पर जमकर लाठियां भांजी। साथ ही बदसलूकी भी की। भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं।
उन्होंने बताया कि सेविका और सहायिकाओं की मांगों में सेविका और सहायिका की नियमावली बनाने, सेविका व सहायिका को तीसरे एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा देने, मानदेय नहीं वेतन देने, पीएफ लागू करने, सेवानिवृत्ति 60 से बढ़कर 65 वर्ष करने सहित अन्य मांग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। 15 सितम्बर से 10 कर्मी भूख हड़ताल पर हैं। भूख हड़ताल पर बैठी एक सेविका की हालत बिगड़ी, तो उसे सदर अस्पताल पहुंचाया गया। भूख हड़ताल कर रही सेविकाओं की तबीयत रह-रह कर बिगड़ रही है। इन्हें देखने तथा अस्पताल पहुंचाने के लिए धरनास्थल पर 108 एंबुलेंस और स्वास्थ्य कर्मी 24 घंटे तैनात हैं। दूसरी तरफ सरकार ने इन्हें सात दिनों के अंदर काम पर लौटने अन्यथा कार्रवाई झेलने का अल्टीमेटम दिया है।