धनबाद: इंटर में फेल छात्राओं के ऊपर शुक्रवार को एसडीएम सुरेंद्र कुमार और पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया था. इस घटना के विरोध में शनिवार को एबीवीपी के तमाम कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे थे. एबीवीपी के नेताओं की ओर से जिला समाहरणालय के पास प्रदर्शन किया जा रहा था. इस दौरान पुलिस के साथ पहले नोकझोंक हुई. इसके बाद पुलिस ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसमें एबीवीपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए. सूचना मिलने के बाद एएसपी मनोज स्वर्गीय मौके पर पहुंचे. एएसपी के पहुंचने के बाद एबीपी के नेताओं ने उनका घेराव कर दिया. एबीवीपी के कार्यकर्ता लाठीचार्ज की इस घटना के बाद काफी आक्रोशित थे.

बता दें कि शुक्रवार को सूबे के मंत्री बन्ना गुप्ता विधायक एवं वरीय पदाधिकारियों के साथ जिला समाहरणालय में जिला योजना समिति की बैठक चल रही थी. इस दौरान इंटर फेल छात्राओं की ओर से जिला समाहरणालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया जा रहा था. देखते ही देखते छात्राओं की टोली समाहरणालय कार्यालय के अंदर घुस गई. कॉन्फ्रेंस हॉल में मंत्री बन्ना गुप्ता विधायक व वरीय पदाधिकारियों की बैठक चल रही थी. जहां छात्राओं ने हंगामा कर दिया, जिसके बाद एसडीएम सुरेंद्र कुमार व पुलिस ने छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया. घटना के बाद बीजेपी के विधायकों ने इसकी निंदा करते हुए प्रदर्शन भी किया था. वहीं, शनिवार को एबीबीपी इस घटना का विरोध सड़क पर उतरकर कर आंदोलन रहे हैं.

रांची में भी किया गया आंदोलन

रांची में भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से राज्य स्तरीय आंदोलन किया जा रहा है. जैक द्वारा त्रुटिपूर्ण रिजल्ट प्रकाशन और धनबाद में छात्राओं पर लाठीचार्ज के विरोध में आंदोलन की शुरुआत हुई है. इस मामले को लेकर राजधानी रांची के डीएसपीएमयू के समीप जोरदार प्रदर्शन किया गया. राज्य सरकार का पुतला भी जलाया गया.

राज्य सरकार से की मांग

झारखंड सरकार से मांग करते हुए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने एसडीओ को तत्काल निलंबित करने की मांग की है और अगर एसडीओ पर कार्रवाई नहीं हुई तो इस आंदोलन को राज्य भर में उग्र करने की चेतावनी भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने दी है.

लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण

डीएसपीएमयू के समीप पुतला दहन के मौके पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से त्रुटि पूर्ण रिजल्ट का प्रकाशन किया गया है और इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर संबंधित लोगों के समक्ष जा रहे हैं और उन्हें इस राज्य में लाठी खाना पड़ रहा है. यह दुर्भाग्य की बात है.

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