रांची : झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज गुरुवार को अंतिम कार्य दिवस है. आज सरकार सदन में अपना वक्तव्य देगी और सदन में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों एवं राज्य सरकार के आगे की कार्य नीतियों से सदन को अवगत करायेगी. आज भी सदन मे हंगामे के आसार हैं. विपक्ष तो लगातार राज्य सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहा है तो हो सकता है की आज आखिरी कार्य दिवस पर भी सदन में दिन हंगामेदार गुजरे.
बता दें कि इससे पहले शीतकालीन सत्र के चौथे दिन 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को सदन में पारित कराया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिना संशोधन के बिल पारित करने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक बिना संशोधन के सदन से पारित कराया गया. फलस्वरूप, बीजेपी के विधायकों ने सदन के बाहर हंगामा और प्रदर्शन किया. विपक्ष ने नियोजन नीति समेत रोजगार सहित अन्य मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया.
इस दौरान बीते दिन 19 दिसंबर बुधवार को को सदन की कार्यवाही के दौरान निलंबित हुए विधायक भी धरने पर बैठे. बुधवार को इसी पाली में प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय (निरसन) विधेयक 2023 सदन में पेश किया गया. इस विधेयक को भी सदन में पारित करा लिया गया. वहीं झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 को भी सदन से पारित कराया गया. इसके बाद स्थानीय नीति विधेयक को लेकर सदन में चर्चा की गयी. जिसमें सदस्यों ने अपनी वक्तव्य पेश किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संविधान में नियम बनाने का शक्ति विधानमंडल को है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि बिना संशोधन के बिल पास कराने के पीछे सरकार की मंशा ठीक नहीं है.