भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के मुद्दे पर झारखंड सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। 5 जुलाई की बंद को भाजपा ने असंवैधानिक करार दिया है। 4 जुलाई की शाम राज्य के गृह सचिव एसकेजी रहाटे और डीजीपी डीके पांडेय ने भी सभी जिलों के डीसी व एसपी को संयुक्त पत्र भेजा है, इस पत्र में भी विपक्ष के बंद को झारखंड हाईकोर्ट के नवंबर 2003 के आदेश के तहत असंवैधानिक बताते हुए, तोड़फोड़ या हिंसा होने पर कड़ी कार्रवाई करने व नुकसान की भरपाई राजनीतिक दलों से कराने का निर्देश दिया गया है।

जमशेदपुर में बंद समर्थकों से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मियों की ब्रीफिंग करते जमशेदपुर एसएसपी अनूप बिरथरे।

रांची पुलिस ने इस बार उपद्रवियों से निपटने के लिए दो खास चीजे मंगवायी हैं। भीड़ को हटाने के लिए टीयर हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जाएगा। हंगामा करने वालों को रोकने के लिए रबर बुलेट की जगह प्रिंट बॉल मंगाया गया है, जो पीले और काले रंग के हैं। पुलिस के अनुसार ये बॉल उन उपद्रवियों पर छोड़ा जाएगा, जो ज्यादा हिंसक होंगे। हंगामा करने वालों को प्रिंट बॉल से निकले रंग से चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद पुलिस उनकी पहचान कर कार्रवाई करेगी।

अधिकारियों के द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि शैलेश कुमार सिंह बनान स्टेट ऑफ झारखंड की सुनवाई के दौरान 3 दिसंबर 2013 को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था, जिसमें झामुमो के बंद को असंवैधानिक और हानिकारक बताया गया था। पत्र में लिखा गया है कि कोर्ट का आदेश अब भी जश का तश है, ऐसे में बंद बुलाना कोर्ट की अवमानना है। पत्र में जिक्र है कि 24 नवंबर 2016 को भी हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी को निर्देश दिया था कि बंद के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के साथ साथ निजी संपत्ति की सुरक्षा भी मुहैया कराएं, साथ ही इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करें। आमलोगों की सुरक्षा व उनके हितों को नुकसान न हो, इसका भी निर्देश दिया गया था।

जानलेवा हथियार या फायर आर्म्स के इस्तेमाल पर रोक
एडीजी आरके मल्लिक ने बताया कि जानलेवा हथियार या फायर आर्म्स लेकर बंद कराने उतरने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों के एसपी को वीडियोग्राफी का निर्देश भी दिया गया है। बंद के दौरान आमलोगों को रोकने, उनके साथ मारपीट करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

Share.
Exit mobile version