रांची : लैंड स्कैम मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में बहस के दौरान ईडी के वकील ने कहा कि हेमंत सोरेन का जुड़ाव उन सबूतों से है, जो ईडी की अलग-अलग छापेमारी में मिले हैं. ईडी न कोर्ट को बताया कि तत्कालीन सीओ मनोज कुमार ने अपने बयान में कहा था कि अभिषेक प्रसाद पिंटू और सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर के कहने पर उन्होंने हल्का कर्मी भानू प्रताप को इस भूमि का सर्वे करने को कहा था. अभिषेक प्रसाद ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने उस भूमि को लेकर जो भी निर्देश दिए वह हेमंत सोरेन के कहने पर ही दिए. वकील ने कहा कि बचाव पक्ष ने सबूतों पर जो सवाल खड़े किए हैं, वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारियों की मौजूदगी में सभी सबूतों को सील किया गया है और जब्ती सूची पर सबका हस्ताक्षर है. ईडी का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने हेमंत सोरेन के वकील को लिखित बहस जमा करने का निर्देश दिया है. गुरुवार को भी मामले में बहस जारी रहेगी.
भानु के ठिकाने से बरामद हुए थे जमीन घोटाले के दस्तावेज
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कर्ट को बताया कि बड़गाईं अंचल के हल्का कर्मचारी भानू प्रताप के ठिकाने से दस्तावेजों से भरा हुआ जो ट्रंक बरामद हुआ था उसमें जमीन घोटाले से संबंधित कई दस्तावेज थे. वहीं आर्किटेक्ट विनोद सिंह के मोबाइल से जो चैट और नक्शा बरामद हुआ था, उसके मुताबिक, 8.86 एकड़ भूमि पर बैंक्वेट हॉल बनाये जाने की तैयारी थी. हेलेरियस कच्छप को इस भूमि की देखरेख के लिए हेमंत सोरेन ने रखा था. भूमि पर हेमंत सोरेन का कब्जा था. बहस के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा, हाईकोर्ट के वकील पीयूष चित्रेश और प्रदीप चंद्रा मौजूद रहे. वहीं ईडी की ओर से सीनियर एडवोकेट एस वी राजू ने बहस की.