नई दिल्ली: 17 दिसंबर से डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस में रजिस्ट्री सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब जमीन, मकान, संस्थान और अन्य संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन ई-रजिस्ट्री के माध्यम से किया जाएगा. यह डिजिटल बदलाव पारदर्शिता, सुविधा और धोखाधड़ी से सुरक्षा का वादा करता है, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों को लाभ होगा. इस बदलाव के तहत, किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री से पहले उसे सत्यापित करने के लिए आवेदन करना होगा. सत्यापन के बाद, रजिस्ट्रेशन ऑफिस आवेदक को स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क की जानकारी देगा. इसके आधार पर आवेदक जमीन का चालान और डीड तैयार कराएगा.
इसके बाद, आवेदक को सिटीजन पोर्टल पर जाकर अपनी डिटेल्स भरनी होंगी, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी. इस प्रक्रिया में आधार कार्ड और बायोमेट्रिक सत्यापन से फर्जीवाड़े की संभावना को खत्म किया जाएगा. विक्रेता, खरीदार और गवाह का बायोमेट्रिक सत्यापन होगा, और उनका आधार कार्ड फोटो के साथ डीड में प्रिंट किया जाएगा. इससे बाद में किसी भी व्यक्ति द्वारा संपत्ति से संबंधित कोई झूठा दावा नहीं किया जा सकेगा.
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डिजिटल बदलाव से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि निबंधन प्रक्रिया भी सरल और पारदर्शी होगी. इससे रजिस्ट्रेशन कार्यालयों पर काम का दबाव कम होगा और निबंधन की संख्या बढ़ेगी. इसके अलावा, प्रक्रिया पहले से ही तय और व्यवस्थित होने के कारण कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं होगा.