पटना: बिहार में जमीन रजिस्ट्री शुल्क बढ़ने की संभावना है. सरकार ने 10 साल बाद रजिस्ट्री फीस की समीक्षा करने का निर्णय लिया है और इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी की बैठक जल्द ही होने जा रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी की जाएगी या नहीं.
एक दशक से नहीं बढ़ा है निबंधन शुल्क
विभागीय सूत्रों के अनुसार, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव और आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में जमीन रजिस्ट्री की न्यूनतम दर (एमवीआर) की संभावित समीक्षा की जाएगी. पिछले एक दशक से इस दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसलिए यह माना जा रहा है कि कमेटी कुछ बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकती है.
बैठक की तिथि और पृष्ठभूमि
कमेटी की पहली बैठक जल्द आयोजित होगी, जिसमें सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा. रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि 2014 से पहले हर साल एमवीआर में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती थी, लेकिन उस वर्ष के बाद से यह प्रक्रिया राज्य सरकार के आदेश पर निर्भर हो गई. पिछले कुछ वर्षों में केवल उन ग्रामीण क्षेत्रों के एमवीआर में बदलाव किया गया है, जिन्हें शहरी क्षेत्र में परिवर्तित किया गया है.
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