पटना: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को 1-1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. लालू, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के साथ पार्टी सांसद मीसा भारती भी कोर्ट में मौजूद थीं.

क्या है मामला

सीबीआई के अनुसार, 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे, उन्होंने नौकरी के बदले कथित रूप से जमीनें हासिल कीं. आरोप है कि उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में नौकरी दी और बदले में उनके परिवार के नाम पर जमीनें लिखवाईं. इसमें लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर प्लॉट्स की रजिस्ट्री हुई. रेलवे में इन भर्तियों का न तो कोई विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचित किया गया.

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मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई करते हुए 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत जुटाने का दावा किया है. ईडी के अनुसार, इस घोटाले से संबंधित 350 करोड़ की अचल संपत्ति और 250 करोड़ रुपये बेनामी लोगों के जरिए लालू परिवार तक पहुंचे हैं. ईडी ने यह भी बताया कि ग्रुप डी की नौकरियों के बदले चार जमीनें मात्र 7.5 लाख रुपये में ली गईं, जबकि पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना को इन्हें 3.5 करोड़ रुपये में बेचा गया. इस मामले में तेजस्वी यादव को भी राबड़ी देवी द्वारा धन ट्रांसफर करने के साक्ष्य मिले हैं.

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