पटना : राज्यसभा सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर बिहार समेत देशभर में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. उन्हीं की पार्टी आरजेडी विधायक से लेकर विपक्ष बीजेपी नेताओं तक ने मनोज झा के बयान पर  नाराजगी जताई है. इस मामले में पहली बार राजद सुप्रीमो सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का बयान सामने आया है.

क्या है मामला

दरअसल, महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान आरजेडी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा पर अपने संसदीय भाषण में ‘ठाकुरों’ का अपमान करने का आरोप लगा है. उनकी टिप्पणी पर आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने भी नाराजगी जताई थी और खुलकर विरोध भी किया था. मामले में चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन और उनकी बेटी सुरभि आनंद भी मनोज झा पर हमलावर रहीं. हालांकि, आरजेडी लगातार मनोज झा के बयान का समर्थन करती आ रही है. अब पहली बार पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद का बयान आया है. लालू ने कहा, मनोज झा एक विद्वान व्यक्ति हैं. उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल सही है. उनका इरादा राजपूतों/ठाकुरों या किसी अन्य समुदाय का अपमान करने का नहीं था.

चेतन की टिप्पणियों पर कसा तंज

लालू ने चेतन आनंद और आनंद मोहन की टिप्पणियों पर तंज भी कसा और कहा, जब उनके पास इतनी कम बुद्धि है तो क्या कर सकते हैं. दरअसल, आनंद फैमिली ने झा पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि जो लोग कहते हैं कि अपने अंदर के ठाकुर को मारने की जरूरत है, मैं उनसे कहूंगा कि वो अपने अंदर के ब्राह्मण को मारें.

मनोज को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिले

इससे पहले राजद के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और बिहार के कई बीजेपी नेताओं के बयानों पर ध्यान आकर्षित कराया और मनोज झा के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की. उन्होंने विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह और नीरज कुमार सिंह ‘बबलू’ की टिप्पणियों का हवाला दिया, जिनमें दोनों ने मनोज झा को चेतावनी दी थी. ऋषि मिश्रा ने कहा, झा एक शांत शख्सियत हैं और सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित हैं. उन्होंने गृह मंत्री से खतरे की आशंका पर गंभीरता से ध्यान देने का आग्रह किया.

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