रांची: राजद चीफ लालू यादव ने वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब (विश्व असमानता लैब) की रिपोर्ट पर गहरी चिंता जताई है. इसे लेकर उन्होंने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब (की ओर साझा की गई रिसर्च में पिछड़ों/दलितों और आदिवासियों के लिए डरावने आंकड़े सामने आए है. यह रिसर्च देश में बढ़ती सामाजिक-आर्थिक गैरबराबरी को उजागर करती है. इस रिपोर्ट के अनुसार उच्च जातियों के पास देश की कुल संपत्ति का 𝟖𝟖.𝟒% हिस्सा है जबकि ओबीसी के पास केवल 𝟗.𝟎% और अनुसूचित जाति और जनजाति के पास मात्र 𝟐.𝟔% है.
2013 में 17.3 % थी ओबीसी की संपत्ति, 2022 में 9% हो गई
लालू ने कहा कि 𝟐𝟎𝟏𝟑 में 𝐎𝐁𝐂 का देश की संपत्ति में 𝟏𝟕.𝟑% हिस्सा था जो 𝟐𝟎𝟐𝟐 में घटकर 𝟗% ही रह गया है. छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय लगातार घटते जा रहे हैं. कृषि घाटे का सौदा होता जा रहा है. किसान सरकार की गलत नीतियों के चलते बर्बाद हो रहे है. सर्वविदित है कि देश में 𝐎𝐁𝐂/𝐒𝐂/𝐒𝐓 की आबादी लगभग 𝟖𝟓% है. यही कारण है कि बीजेपी जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती क्योंकि इससे हर क्षेत्र में कुंडली मारे बैठे संपन्न लोगों का प्रभुत्व उजागर हो जाएगा.
देश में सामाजिक-आर्थिक असमानता की जड़ें काफी गहरी
उन्होंने कहा कि रिसर्च बताती है कि देश की कुल संपत्ति का बड़ा हिस्सा लगभग 𝟖𝟗% हिस्सा, आबादी में सबसे कम वाले वर्गों के पास है तथा देश की सबसे अधिक आबादी वाले 𝟖𝟓% 𝐎𝐁𝐂/𝐒𝐂/𝐒𝐓 के पास बाक़ी बचा हिस्सा है. इससे पता चलता है कि हमारे देश में सामाजिक-आर्थिक असमानता की जड़ें कितनी गहरी हैं. मोदी सरकार लगातार 𝟏𝟎 बरसों से 𝐎𝐁𝐂, 𝐒𝐂 और 𝐒𝐓 वर्ग के छोटे व्यवसायों को भी टारगेट कर खत्म कर रही है.
जबतक दंगाइयों को नेता मानेंगे ये आंकड़े और बदतर होते जाएंगे
लालू ने कहा कि जब तक 𝐎𝐁𝐂, 𝐒𝐂 & 𝐒𝐓 और उच्च जाति के गरीब लोग बीजेपी की भक्ति, धर्मांधता और नफ़रत बोने वाले दंगाइयों को अपना नेता मानेंगे, तो ये आंकड़े और भी बद्तर होते जाएंगे. विगत 𝟏𝟎 वर्षों में इन्होंने आपको यानि 𝐎𝐁𝐂/𝐒𝐂/𝐒𝐓 को धर्म और छद्म राष्ट्र के बनावटी मुद्दों व बहसों में उलझा कर अपनी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सत्ता को ओर अधिक सुदृढ़ एवं सुनिश्चित किया है. ये लोग धूर्तता के साथ 𝐎𝐁𝐂/𝐒𝐂/𝐒𝐓 को सांकेतिक और दिखावटी प्रतिनिधित्व देकर इतिश्री कर देते है ताकि देश की ये बहुसंख्यक आबादी अपने अधिकारों की वाजिब मांग ना कर सके.