पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को समज में नफरत और द्वेष फैलाना वाला बताया और कहा कि इन दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।
श्री यादव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘पीएफआई की तरह जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, जिसमें आरएसएस भी शामिल है। सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है। आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।’’ वहीं, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार तो राजद अध्यक्ष से और एक कदम आगे बढ़कर पीएफआई और आरएसएस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कह दी।
श्री कुमार ने बुधवार को यहां जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित ‘कार्यकर्ताओं के दरबार में माननीय मंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवाल के जवाब देते हुए कहा कि भाजपा एवं आरएसएस दोनों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि जो भी संगठन समाज में गैर बराबरी, तनाव एवं नफरत फैलाते हैं उन सब पर प्रतिबंध लगाया जाए।
मंत्री ने भाजपा के एक नेता द्वारा जदयू में एक राजा और बाकी सबको नौकर बताने संबंधी बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जबसे भाजपा को दूध की मक्खी के समान निकाल बाहर फेंका है तब से उसके नेता बौखलाहट में हैं, मानसिक संतुलन खो चुके हैं तथा हताशा और निराशा में अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।