रांची : झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी के अंतर्गत संचालित ‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’ के तहत देश के विभिन्न शहरों में स्थापित किए गए “प्रवासन सहायता केन्द्रों” का ऑनलाइन उद्घाटन श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया.
देश के 8 शहरों में स्थापित किए किए “प्रवासन सहायता केन्द्रों” में नई दिल्ली, नीमराना (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (आंध्र प्रदेश), बंगलुरू (कर्नाटक), चेन्नई (तमिलनाडु), तिरुप्पुर (तमिलनाडु) शामिल हैं. इन “प्रवासन सहायता केन्द्रों” में झारखण्ड राज्य के प्रवासी कामगारों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. “प्रवासन सहायता केन्द्रों” में कामगारों के लिए एक माह तक भोजन एवं आवास की निशुल्क सुविधा होगी. साथ ही कैरियर काउंसलिंग, चिकित्सा सुविधा एवं आपातकालीन स्थितियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
श्रम मंत्री ने अपने अभिभाषण के दौरान श्रम विभाग को सलाह देते हुए कहा कि वर्तमान 8 शहरों की तरह लेह-लद्दाख में भी “प्रवासन सहायता केन्द्र” स्थापित किए जाएं, क्योंकि झारखण्ड के प्रवासी मजदूर काफी संख्या में रोजगार के लिए वहां जाते हैं. मंत्री ने कहा, “इस साल जून महीने के बाद 20,000 युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है.”
श्रम सचिव, मुकेश कुमार, ने कहा कि “रोजगार के लिए राज्य से बाहर जाने वाले युवाओं और कामगारों के लिए प्रवासन सेवा केन्द्र स्थापित किए गए हैं. प्रवासन सहायता केन्द्रों के रूप में श्रम विभाग की यह पहल अपने युवाओं को दूसरे राज्यों में भी अपने राज्य और घर जैसा माहौल देने की कोशिश है. प्रवासन सहायता केन्द्र सिर्फ भोजन और आवास के बारे में नहीं है, बल्कि प्रवासी कामगारों के लिए पूरा सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है.”
मौके पर प्रशिक्षण निदेशालय से उप निदेशक, श्रीकांत मिश्रा, उप निदेशक देवेन्द्र प्रसाद, सहायक निदेशक अंजु अग्रवाल, नियोजन पदाधिकारी पंकज कुमार गिरि, अजीत कुमार पन्ना, जेएलसी, राकेश प्रसाद, जेएलसी, धनंजय कुमार सिंह, जेएलसी, राजेश प्रसाद, जेएलसी, विश्वरूप ठाकुर, राजन श्रीवास्तव, विनय कुमार, राजीव खरे, दिनेश भगत, अविनाश कुमार, एवं यूएनडीपी शामिल हुए.
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