Joharlive Desk

नयी दिल्ली। भारतीय रेलवे ने कोरोना विषाणु की वैश्विक महामारी के मद्देनज़र देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाये जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐलान के साथ ही हर प्रकार की सभी यात्री गाड़ियों के परिचालन पर रोक भी तीन मई की मध्य रात्रि तक बढ़ा दी है।

हालांकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के लिए मालगाड़ियों का परिचालन अनवरत जारी रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को सुबह देशव्यापी लाॅकडाउन 19 दिन और बढ़ाये जाने की घोषणा की गई जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे ज़ोनों, कोंकण रेलवे निगम और कोलकाता मेट्रो रेल निगम को इस आशय का आदेश जारी किया।

रेलवे बोर्ड ने आदेश में कहा कि मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर, प्रीमियम, उपनगरीय, कोलकाता मेट्रो आदि हर प्रकार की यात्री रेल सेवाएं तीन मई की मध्य रात्रि तक उपलब्ध नहीं होंगी जिनमें शताब्दी, राजधानी, दूरंतो, गतिमान, वंदेभारत, तेजस समेत सभी प्रीमियम, मेल/ एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, पैसेंजर गाड़ियों की सेवाएं शामिल हैं। जबकि मालगाड़ियों का परिचालन निरंतर होता रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट के कारण गुरुवार को देशवासियों से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की थी। इसी क्रम में रेलवे ने इतिहास में पहली बार अभूतपूर्व कदम उठाते हुए 22 मार्च को 3700 गैर उपनगरीय रेलसेवाओं और सैकड़ों की संख्या में उपनगरीय सेवाओं को रद्द करने का ऐलान किया था। बाद में 22 मार्च को ही रेलवे ने 31 मार्च की अर्द्धरात्रि तक देश में को पूरी तरह से रोकने की घोषणा कर दी थी।

लेकिन मंगलवार 24 मार्च को रात में प्रधानमंत्री ने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी जिसके बाद 25 मार्च को रेलवे बोर्ड ने सभी ज़ोनल महाप्रबंधकों को संशोधित आदेश जारी करके 14 अप्रैल मध्यरात्रि तक हर प्रकार की सभी यात्री गाड़ियों को रद्द कर दिया था।

रेलवे ने तीन मई तक आरक्षण करा चुके लोगों को टिकट के रद्दीकरण पर पूरा किराया वापस करने तथा अगले आदेश तक सभी प्रकार के आरक्षण को स्थगित करने का भी आदेश दिया है।

रेलवे के सूत्रों के अनुसार ई टिकट वाले यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने की जरूरत नहीं है। कैंसिलेशन और रिफंड आटोमैटिक हो जायेगा।

रेलवे ने गत 24 दिनों से यात्री गाड़ियों के परिचालन को रोका हुआ है। गत 21 मार्च से रात दस बजे के बाद किसी भी यात्री गाड़ी को रवाना नहीं किया गया है। इससे देशभर के रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

भारतीय रेल प्रतिदिन करीब 22 हजार गाड़ियां चलाती है जिनमें 13 हजार यात्री ट्रेनें और करीब नौ हजार मालगाड़ियां शामिल हैं।

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