Kolkata Murder: कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या ने एक माता-पिता के ख्वाब भी तोड़ दिए. पीजी की पढ़ाई कर रही बेटी के लिए पिता ने छह महीने एक कार खरीदी थी. ताकि वह रात को आराम से और सुरक्षित तरीके से घर लौट सके. लेकिन अब बस रह गया है सूना घर, जिस पर लगी है उसके नाम की पट्टी. जिससे पीजी में उसके स्पेशलाइजेशन का पता चलता है. साथ में माता-पिता के लिए बेटी से जुड़ी बहुत सारी यादें और जीवन भर की टीस.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस ‘निर्भया’ के पिता बताते हैं कि घर पर बेटी के नाम की पट्टी तब लगी थी, जब वह पीजी सेकेंड ईयर में पहुंची थी. उन्होंने कहा, मैं चाहता था कि वह सुरक्षित रहे, इसलिए उसने निजी वाहन से ट्रैवल करना पसंद किया. वह सड़क पर तो सुरक्षित थी, लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर के तौर पर सुरक्षित नहीं थी.
आखिरी बार बोली- मुझे राउंड पर जाना है
पीड़िता के पिता ने कहा कि बेटी ने गुरुवार की रात 11.30 अपनी मां से बात की थी. मां ने पूछा कि खाना खाया या नहीं. इस पर बेटी ने कहा कि वह अपने साथ खाना लेकर आई है. उसने मां से खाना खाकर सो जाने को कहा. बेटी के आखिरी शब्द थे, मझे वार्ड में राउंड पर जाना है. इसके बाद शुक्रवार की सुबह करीब 10.53 बजे हमें एक फोन कॉल आई. मुझे जल्दी से अस्पताल आने को कहा गया. बताया गया कि मेरी बेटी बीमार हो गई है. हम परेशान हो गए और वापस कॉल करने की कोशिश करते रहे. जब तीसरी बार कॉल उठाई गई, तो हमें बताया गया कि हमारी बेटी की मौत हो चुकी है और उसने खुदकुशी की है.
मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों प्रवेश परीक्षा किया था पास
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के चाचा ने वह पढ़ने में बहुत अच्छी थी. उसने मेडिकल के साथ इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा भी अच्छी रैंक से पास थी थी. लेकिन उसका मन डॉक्टर बनने का था. अपने दिल की सुनते हुए उसने नादिया हॉस्पिटल में दाखिला लिया और 2018 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. इसके बाद अपने पसंदीदा स्ट्रीम में सरकारी कॉलेज से पीजी करने के लिए दो साल तैयारी की. उसके पास दो विकल्प थे- जेएनएम कल्याणी मेडिकल कॉलेज और आरजी कर. हम सभी ने सोचा था कि आरजी कर में दाखिला लेकर वह बेहतर सुविधाओं वाले मेट्रो शहर में रहेगी.