Johar Live Desk : फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से एक बड़ा झटका लगा है. किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. इसके साथ ही, उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निकालने का दावा किया, क्योंकि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बनाया था.
आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना है कि अजय दास अब किसी भी पद पर नहीं है. उन्हें पहले से ही अखाड़े से निकाला जा चुका है तो वह किस हैसियत से कार्रवाई करेंगे. किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई और उनको नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि दिया गया. बताया गया कि किन्नर अखाड़े के आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें दीक्षा दी है.
Rishi Ajay Das, founder of Kinnar Akhara, expels Mamta Kulkarni from the Akhara. He has also expelled Mahamandaleshwar Laxminarayan Tripathi from the Kinnar Akhara for inducting Mamta Kulkarni, who is accused of treason, to the Akhara and designating her as Mahamandaleshwar… pic.twitter.com/Hhzezst49r
— ANI (@ANI) January 31, 2025
ऋषि अजय दास की की ओर से पत्र जारी किया गया है, जिसमें लिखा है ”मैं किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने के नाते आज आपको यह विदित करते हुए जानकारी देता हूं कि किन्नर अखाड़े के 2015-16 उज्जैन कुंभ में मेरे द्वारा नियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को मैं आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा के पद से मुक्त करता हूं. शीघ्र इन्हें लिखित सूचना दे दी जाएगी, क्योंकि जिस धर्म प्रचार-प्रसार व धार्मिक कर्मकांड के साथ ही किन्नर समाज के उत्थान इत्यादि की आवश्यकता से उनकी नियुक्ति की गई थी, यह उस पद से सर्वदा भटक गए हैं, इन्होंने मेरी बिना सहमति के जूना अखाड़ा के साथ एक लिखित अनुबंध 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया. जो की अनैतिक ही नहीं अपितु एक प्रकार की 420 है.”
उन्होंने आगे कहा, ”बिना संस्थापक के सहमति एवं हस्ताक्षर के जूना अखाड़ा एवं किन्नर अखाड़ा के बीच का अनुबंध विधि अनुकूल नहीं है. अनुबंध में जूना अखाड़े ने किन्नर अखाड़ा संबोधित किया है, इसका अर्थ है कि किन्नर अखाड़ा 14 अखाड़ा उन्होंने स्वीकार किया है. तो इसका अर्थ यह है कि सनातन धर्म में 13 नहीं अपितु 14 अखाड़े मान्य है, यह बात अनुबंध से स्वयं सिद्ध है.” उन्होंने कहा, ”आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और कथित ने असवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला जो की फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है, उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया. जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है.” उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़े के नाम का अवैधानिक अनुबंध जो जूना अखाड़े के साथ कर किन्नर अखाड़े के सभी प्रतीक चिन्हो को भी क्षत-विक्षत किया गया है. ये लोग ना तो जूना अखाड़े के सिद्धांतों को के अनुसार चल रहे हैं, ना किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों के.
उदाहरण के लिए किन्नर अखाड़े के गठन के साथ ही वैजन्ती माला गले में धारण कराई गई थी, जो की श्रृंगार की प्रतीकात्मक है, परंतु इन्होंने उसे त्याग कर रुद्राक्ष की माला धारण कर ली. जो कि संन्यास का प्रतीक है और सन्यास बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता. इस प्रकार यह सनातन धर्म प्रेमी व समाज के साथ एक प्रकार का छलावा कर रहे हैं. अतः आज मेरे द्वारा प्रेस वार्ता के माध्यम से यह सब जानकारी जनहित में व धर्महित में देना आवश्यक था.
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