Joharlive Desk
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सूबे का राजनीतिक तापमान चरम पर है। कोरोना के दौर में इस बार बिहार विधानसभा चुनाव का रंग बिल्कुल अलग है। राज्य की सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान करना शुरू कर दिया है।
स्थानीय निकायों के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाले देश के पहले राज्य बिहार में इस बार सत्ता के गलियारों में महिलाओं का रुतबा बढ़ता नजर आ रहा है। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने पिछले चुनाव के मुकाबले आधी आबादी पर भरोसा अधिक जताया है। हालांकि इस मामले में भी अभी कांग्रेस काफी पीछे नजर आ रही है। उसके 21 प्रत्याशियों में महज एक महिला प्रत्याशी का नाम शामिल है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विधानसभा चुनाव में आधी आबादी पर अपना भरोसा जताया है और कुल 17 महिलाओं को जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है। राजद की 42 सीटों में से एक चौथाई सीटों पर महिला प्रत्याशी इस बार ताल ठोक रही हैं। राजद ने अपने 42 में से 10 विधानसभा सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मौका दिया है। राजद और जदयू के अलावा लोजपा की बात करें तो उसने 28 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है जिनमें से 4 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। बात अगर भाजपा की करें तो 27 सीटों में से 6 महिलाओं को टिकट दिया गया है। इनमें जमुई से देश के खेल जगत का सबसे सम्मानित पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अन्तरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह, वरसालीगंज से अरुणा देवी, भभुआ से रिंकी पाण्डेय, शाहपुर से मुन्नी देवी और कोटोरिया से निक्की हेम्ब्रम को टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने पहले चरण के 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिनमें हिसुआ सीट से नीतू कुमारी ही केवल एक महिला प्रत्याशी हैं।
2015 में ये थी महिला उम्मीदवारों की स्थिति
बता 2005 के चुनावों की करें तो भाजपा ने 151 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उन्होंने 15 सीट महिलाओं को दी थी, उनमें से चार की जीत भी हुई थी।राजद ने 101 में से 10 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया और सभी अपना चुनाव जीत गयी थीं । बात अगर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की करें तो जदयू ने भी 10 महिलाओं को टिकट दिया था और जिनमें से 9 ने चुनाव जीता था जबकि कांग्रेस की तरफ से पांच सीटों पर चुनाव लड़ने वाली महिलाओं में से चार ने विजय हासिल की थी ।