रांचीः 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का दिन है और इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी है. पंचांग के मुताबिक, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण का दृश्य भारत में भी दिखेगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक मान्य होगा. ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता हैं. इससे किसी भी प्रकार के पूजन पाठ या धार्मिक कार्य पर रोक होती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सूतक काल में शुभ और मांगलिक कार्यों की मनाही होती है हर साल कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली का पर्व मनाया जाता हैं लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण होने के कारण देव दिवाली एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को ही मनाई जायेगी. ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से इस ग्रहण को काफी खास माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा और जो भारत में भी दिखेगा.
ज्योतिषों के कहना है कि साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है. इस दिन ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे. ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है. इसके अलावा, शनि कुंभ राशि में पंचम व मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है. ज्योतिषों के अनुसार, साल के इस चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है.
साल का आखिरी चंद्र भारत के कई हिस्सों में नजर आएगा. हालांकि पूर्ण चंद्र ग्रहण सिर्फ पूर्वी भागों (कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची, गुवाहाटी) में ही दिखाई देगा. बता दें, झारखंड की राजधानी रांची और हजारीबाग जिले में चंद्रग्रहण लोग चंद्र ग्रहण को देख पाएंगे. चंद्र ग्रहण का समय इस प्रकार है. रांची में 8 नवंबर को शाम को 5 बजकर 03 मिनट पर चंद्रोदय होगा, जबकि हजारीबाग में चंद्र का उदय का समय 5 बजकर 02 मिनट बताया गया है. इस बीच रांची में 9 मिनट तक और हजारीबाग में 10 मिनट तक पूर्ण चंद्र ग्रहण लोग देख सकेंगे.
जानें अक्सर कब होता है चंद्र ग्रहण
बता दें, चंद्र ग्रहण अक्सर तब लगता हैं जब पूर्णिमा के दिन सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं. यानी जब सूर्य और चन्द्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब चंद्रग्रहण लगता हैं. वहीं, पूर्ण चंद्र ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणें चन्द्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं जिसके कारण चन्द्रमा पर अंधेरा छा जाता है.