रांची : शिल्प देव भगवान विश्वकर्मा की पूजा की धूम आज पूरे शहर में देखने को मिल रही है। एक तरफ लोग फैक्ट्री से लेकर दुकानों तक में भगवान की पूजा की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ घरों में भी पूजा की तैयारी हो रही है। लोग अपने घर की साफ-सफाई के साथ गाड़ी और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यक्ति को गृह, गाड़ी, फैक्ट्री और अन्य सामान की प्राप्ति होती है।
एक तरफ जहां देर रात तक पूजा को लेकर बाजार में भीड़ रही, वहीं सुबह से ही लोग फल-फूल और मिठाई की खरीदारी करते हुए दिखे। विश्वकर्मा की पूजा शहर के सभी तकनीकी संस्थानों, मोटर गैरेज, वाहन एजेंसियों सहित काष्ठ शिल्पियों द्वारा प्रमुख रूप से मनाई जा रही है। कई संस्थानों में विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा हो रही है। हालांकि संक्रमण को देखते हुए इस बार लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं।
विशेष पुण्य काल में करें भगवान की पूजा
भाद्रपद शुक्लपक्ष द्वादशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। इस बार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जा रही है। पंडित बिपिन पांडेय के अनुसार शुक्रवार को सुबह 8.24 मिनट तक एकादशी तिथि इसके बाद द्वादशी आरंभ हो जायेगी, जो कि अगले दिन शनिवार को सुबह छह बजे तक रहेगी। ऐसे में पूजा के लिए सूर्यास्त से पहले तक मूर्ति स्थापना, पूजन आदि हो सकता है। वहीं, पूजन के लिए विशेष पुण्य काल 11.41 बजे तक है।
विश्वकर्मा पूजा पर कारों की बढ़ी बिक्री
विश्वकर्मा पूजा के शुभ मुहूर्त पर लोगों ने चार पहिया और दोपहिया वाहनों की जमकर डिलीवरी ली है। कार विक्रेता शोरूम के मालिक बताते हैं कि विश्वकर्मा पूजा के पहले लोगों ने खरीदारी के सारे कागजी काम पूरे कर लिए हैं। ऐसे में अब केवल कारों की डिलीवरी बाकी है। लोगों ने एक महीने से लेकर तीन महीने तक इस तारीख पर डिलीवरी के लिए इंतजार किया है। हालांकि कंपनियां बाजार की मांग के अनुरूप गाड़ियों की आपूर्ति नहीं कर पाई। कई ग्राहकों को निराश होना पड़ा है।