रांची : 50 वर्षीय पुरुष मरीज़ मिर्गी, बेहोशी और बुख़ार की समस्या के साथ इमरजेंसी में लाया गया. इमरजेंसी में मरीज़ काफ़ी इरिटेबल था. मरीज़ को तत्काल पारस एचईसी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया. डॉ अशोक कुमार बैद्य ने मरीज़ की जांच की तो पाया कि उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया है. जिसके कारण मरीज़ का यूरीन कम पास हो रहा था.
डॉ बैद्य की सलाह पर मरीज़ के खून की जाँच की गई. हीमोग्लोबिन एवं प्लेटलेट्स काफ़ी कम और सीरम LDH बहुत बढ़े हुए पाए गए. इस बीमारी को हेमोल्यटिक उरेमिक सिंड्रोम कहा जाता है. मरीज़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ बैद्य की निगरानी में पारस अस्पताल में तत्काल प्लाज्मा फेरेसिस डायलिसिस और ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया. प्लेटलेट्स को नियंत्रित करने के लिए मरीज़ के प्लेटलेट्स भी ट्रांसफ़्यूज़ किए गए.
2 से 3 दिनों के नियमित इलाज के बाद मरीज़ का हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स सामान्य स्तर पर आ गया और मरीज़ इरिटेबल नहीं था. पारस अस्पताल में मरीज़ का दो दिनों तक फॉलोअप करने के बाद उसे कुछ ज़रूरी सलाह देने के बाद पारस अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. OPD में एक सप्ताह बाद फ़ॉलोअप करने पर और ज़्यादा सुधार पाया गया. फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने बताया कि पारस एचईसी अस्पताल में मरीज़ों का विशेष ख़्याल रखा जाता है.