Joharlive Team
खूंटी। उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार की अध्यक्षता में नोवेल कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम से संबंधित बैठक का आयोजन उनके कार्यालय कक्ष में किया गया।
इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी कि भारत के केरल, दिल्ली, तेलंगाना, जयपुर शहरों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है। झारखण्ड में कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है, किन्तु राज्य में सावधानी बरतने एवं सतर्क रहने की जरूरत है।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि इसके शुरूआती लक्षणों से अंदाजा लगाया जा सकता है, सांस लेने में थोड़ी तकलीफ, खांसी है। लेकिन ये जरूरी नहीं कि इन लक्षणों के बावजूद भी आप इस वायरस से संक्रमित हों। एतिहात बरतना और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने से हीं बीमारियों को हम रोक सकते है। वुहान से शुरू हुई इस महामारी के लिए जिम्मेदार विषाणु को नॉवेल कोरोना वायरस नाम दिया गया है। कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में इसकी शुरूआत बुखार से होती है और फिर उसके बाद सूखी खांसी का हमला होता है। हफ्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रही तो सांस की तकलीफ शुरू हो जाती है। ऐसे में तुरंत चिकित्सीय सलाह ले और प्रयास करें कि लोगों के परिवेश में आने से बचा जाय। कोरोना के ज्यादातर मरीज उम्रदराज लोग हैं, खासकर वो जो पहले से ही पार्किंसन या डायबिटिज जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि मास्क व सैनेटाइजर की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है, एक्सपर्ट की और से भी यही सलाह दी जा रही है कि साफ-सफाई के साथ बार-बार अच्छे तरीके से हाथ को धोएं, खाँसते व छींकते वक्त रूमाल का इस्तेमाल करें। इसके अलावे भीड़ वाले ईलाकों में जाने से बचे। हमारी और आपकी छोटी-छोटी सावधानियां इसे फैलने से रोक सकती है।
इसलिए सार्वजनिक और भीड़ भाड़ वाली जगह को छूने से बचें, किसी बीमार व्यक्ति के सीधे संपर्क में न आएं और घर आकर सबसे पहले हाथ धुलें। गंदे हाथ को मुंह में डालना, आंखें मलना आदि ज्यादा खतरनाक है। इसलिए मास्क उनके लिए ज्यादा जरूरी है जिनमें लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच इस बात का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए कि इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इस बारे में सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके लिए उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला अंतर्गत सभी अपने क्षेत्र में पोस्टर, पंपलेट, हैंड बिल, दीवार लेखन आदि माध्यमों से आम जनों के बीच जागरूकता लाने का प्रयास करेंगे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-गांव तक इस बीमारी के बचाव से संबंधित आवश्यक जानकारी युक्त पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से इस दिशा में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाय।
इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रखंड स्तर पर कोरोनावायरस हेतु सहयोग के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करेंगे। तथा इसका वाट्सएप फोन नंबर व एक टोलफ्री नम्बर का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक पंचायत में एक-एक एएनएम को हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाए। जिससे कि संबंधित पंचायत के लोग आवश्यकता अनुसार सहयोग प्राप्त कर सकें। साथ ही उस नम्बर पर वाट्सएप की सुविधा भी होगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अगर कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति पाए जाते हैं। तो इसकी सूचना राज्य सर्विलेंस इकाई एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम को इसके अतिरिक्त राज्य मुख्यालय के फोन नंबर 0651 2261000ध् 2261002 व मोबाइल संख्या 9955837428 के माध्यम से निश्चित रूप से भेजी जाए।
साथ ही उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों के साथ आमजनों के सहयोग की अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने स्तर से सभी जागरूकता फैलाने का कार्य करें।
इसके अलावे उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कोरोनावायरस से बचाव एवं रोकथाम हेतु संभावित यात्रियों की सतत् निगरानी करते हुए कृत कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।
साथ ही सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अपने संबंधित क्षेत्र के अवस्थित आइसोलेशन वार्ड में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं निर्गत प्रोटोकॉल के अनुरूप है, अथवा नहीं इसका स्वयं अनुश्रवण किया जाए। इसके अलावा गांव के स्तर पर ग्राम प्रधान व कुछ गणमान्य व्यक्तियों की बैठक के माध्यम से कोरोना वायरस के लक्षण वर्ष के बचाव से संबंधित जानकारी प्रेषित की जाए।