- आजसू, जेवीएम निभाएगी किंग मेकर की भूमिका।
विवेक आर्यन
रांची : झारखंड एक बार फिर खिचड़ी सरकार की ओर बढ़ रहा है। सी-वोटर की सर्वे के अनुसार झारखंड की कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत पाने में नाकाम रहेगी। सर्वे के अनुसार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होगी, जिसे 33 सीटें मिलने की उम्मीद है। जेएमएम को 23, कांग्रेस को 7, आजसू को 6, जेवीएम को 6 और अन्य के खाते में भी छह सीटें आएंगी। यदि ओपिनियन पोल सही पाया गया तो झारखंड अपनी अस्थिर राजनीति को दोबारा दोहराएगा।
ओपिनियन पोल में साफ हो गया है कि बीजेपी और गठबंधन को अन्य पार्टियों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में आजसू और जेवीएम किंग मेकर की भूमिका में नजर आएगी। बता दें की 19 साल के सफर में सिर्फ एक बार झारखंड में पूर्ण बहुमत की सरकार आई है। इस राजनीतिक अस्थिरता का असर झारखंड के विकास पर पड़ा है।
Party seats vote percentage
BJP 33 33.3
UPA 30 31.2
AJSU 06 4.6
JVM 06 7.7
Others 06 —
सुदेश को साधने में जुटी भाजपा, अमित शाह का इशारा
ओपिनियन पोल के सामने आते ही भाजपा आजसू को साधने में जुट गई है। गुरुवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सुदेश महतो के साथ चुनाव के बाद भी गठबंधन बना रहेगा। हालांकि आजसू प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा है कि हमें झारखंड बनाने की चिंता है और बीजेपी को सरकार बनाने की। आजसू के अलावा कोई और बड़ी पार्टी भाजपा के साथ जाती हुई नहीं दिख रही है। यही वजह है कि भाजपा की किसी भी चुनावी सभा में अमित शाह, नरेंद्र मोदी, स्मृति ईरानी, जेपी नड्डा जैसे नेता ने आजसू पर निशाना नहीं साधा है।
गठबंधन को जेवीएम से भारी नुकसान
जेएमएम कांग्रेस और राजद गठबंधन को बाबूलाल की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से भारी नुकसान होता नजर आ रहा है। 6 सीटें लाकर जेवीएम गठबंधन के लिए बड़ा झटका देने वाली है। महागठबंधन के स्वरूप में जेएमएम 41, कांग्रेस 31 और राजद 7 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बाबूलाल मरांडी महागठबंधन का हिस्सा होते तो सरकार बनाने के लिए राह आसान हो जाती।
लोकप्रियता घटी, लेकिन रघुवर पहली पसंद
सी वोटर के सर्वे के अनुसार राज्य की 60 फीसद लोगों को रघुवर दास पसंद नहीं है। उनकी लोकप्रियता लोगों के बीच कम होती जा रही है। इसी साल सितंबर में 53.4 फीसद लोगों ने रघुवर को नापसंद किया था। हालांकि अब भी बतौर सीएम वह झारखंड के लोगों की पहली पसंद हैं। राज्य की आबादी का 28% हिस्सा रघुवर दास को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती है। वहीं 22.7 फीसद लोग हेमंत सोरेन को और 21.9 फीसद लोग बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
क्या है सी-वोटर
सी वोटर का फुल फॉर्म है ‘सेंटर फॉर वोटिंग ऑपिनियन एंड ट्रेंड्स इन इलेक्शन रिसर्च’। यह एक एजेंसी है जो चुनाव के पहले और बाद में सर्वे कर अपना ओपिनियन देती है। सी-वोटर का हेडक्वार्टर दिल्ली में है। इसके एमडी यशवंत देशमुख हैं। 2000 से अब तक सी वोटर ने 100 से ज्यादा विधानसभा चुनाव में अपने ओपिनियन दिए हैं