Johar Live Desk : हिंदू सनातन धर्म में खरमास या मलमास का विशेष महत्व है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते. मिली जानकारी के मुताबिक खरमास करीब एक महीने तक चलता है. इसकी समाप्ति के बाद ही मंगल कार्य शुरू होते हैं.
इस दिन से शुरू हो रहा मलमास 2025
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार 14 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक मलमास रहेगा. आमतौर पर होली के बाद विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस वर्ष 14 मार्च को संक्रांति रात्रि 8:54 से शुरू हो रही है. इसी के साथ मलमास अर्थात खरमास शुरू हो जाएगा. मलमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक रहती है. इस वर्ष विवाह एवं भूमि पूजन, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत समस्त मांगलिक कार्य 13 अप्रैल रविवार को अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि की सूर्य संक्रांति रात्रि से शुरू होंगे.
फरवरी से दिसंबर तक शुभ विवाह मुहूर्त
इस साल फरवरी से दिसंबर तक अत्यंत महत्वपूर्ण विशेष शुभ विवाह मुहूर्त हैं. फाल्गुन में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है और पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहता है. इस समय विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने पर रोक रहती है. इस अवधि में सभी ग्रह उग्र स्थिति में रहते हैं. इस कारण वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, इसीलिए शुभ कार्यों पर रोक रहती है.
किस महीने विवाह के कब-कब मुहूर्त
मार्च: 7 मार्च से होलाष्टक दोष और मीन मलमास शुरू हो जाएगा. इस कारण 14 मार्च तक कोई मुहूर्त नहीं है.
अप्रैल: 14 अप्रैल से विवाह शुरू होंगे. अप्रैल में 14, 16, 18, 19, 20, 25, 29, 30 तिथि को विवाह मुहूर्त हैं.
मई: मई में 5, 6, 7, 8, 9, 11,13, 17, 23, 28 मई को शुभ मुहूर्त हैं. इन दिनों में शुभ विवाह हो सकते हैं. अर्थात उपयुक्त सही समय है. शादी चाहे दिन में करनी हो चाहे संध्या समय में, चाहे रात्रि में करनी हो अति सर्वोत्तम मुहूर्त है.
जून: 1, 2, 4, 7, 8, जून को विवाह होंगे. 8 जून से गुरु अस्त होने से विवाह नहीं होंगे.
अबूझ मुहूर्त :
साल 2025 के कुछ दिन अत्यंत शुभ माने जाते हैं और इन दिनों को विवाह के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है. इस वर्ष 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, 6 मई को जानकी नवमी, 12 मई को पीपल पूर्णिमा, 5 जून को गंगा दशहरा 4 जुलाई को कंदर्प नवमी, 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त होने से विवाह एवं समस्त मांगलिक कार्य हो सकेंगे अर्थात हो सकते हैं.
क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य :
ऐसा मानना है कि खरमास के दौरान सूर्य देव के तेज में कमी आ जाती है और उनका प्रभाव कम हो जाता है. मंगलकारी कार्यों के लिए सूर्य का बलवान होना जरूरी है.
इन उपायों को करें :
खरमास या मलमास के दौरान सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए. रविवार को सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए.
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