जयपुर : शादी की रस्में मेहंदी के बिना पूरी नहीं होती है और जब शादी धोरो की धरती पर हो, तो दुनिया में ख्यातनाम सोजत की मेहंदी के बिना इस विवाह का पूरा होना कैसे संभव होगा? हाल ही में बॉलीवुड का एक और जोड़ा राजस्थान की सरजमीं पर एक दूजे का होने के लिए तैयार है और इस मौके पर हर रस्म को खास बनाने की तैयारियां भी परवान पर है.
अभिनेता विक्की कौशल और अभिनेत्री कटरीना कैफ की शादी (Katrina Kaif Vicky Kaushal wedding) सवाई माधोपुर के 700 साल पुराने किले में होगी. दिसंबर महीने में होने वाली इस शादी में हलवाई के बाद राजस्थान की मेहंदी ही मंगाई गई है.
विक्की कौशल-कटरीना कैफ की शादी सवाई माधोपुर के 700 साल पुराने किले में बने हेरिटेज होटल पर एक-दूजे का साथ निभाने की कसम खाएंगे. चौथ का बरवाड़ा के सिक्स सेंस बरवाड़ा फोर्ट में इन दोनों की शादी की तैयारियां जारी है. यह किला 700 साल पुराना बताया जा रहा है, जहां कटरीना कैफ राजसी दुल्हन के लिबास में दिखेंगी, तो विक्की कौशल किसी राजकुमार से कम नजर नहीं आएंगे.
जमेगा सोजत की मेहंदी का रंग
विश्व प्रसिद्ध सोजत की मेहंदी बॉलीवुड की ऐश्वर्या बच्चन और प्रियंका निक जोनस के बाद अब कटरीना कैफ भी अपने हाथों में रचाएंगी. कटरीना की सवाई माधोपुर में विक्की कौशल के होने वाली शादी के दौरान सोजत की मेहंदी अपने हाथों में सजाने के लिए के सोजत के व्यापारी नीतीश अग्रवाल की फर्म नेचुरल हर्बल को 20 किलो मेहंदी पाउडर और 400 मेहंदी कीप का ऑर्डर दिया गया है.
जाहिर है कि सोजत की मेहंदी के कुल उत्पादन का 90 फीसदी 100 से ज्यादा देशों में निर्यात किया जाता है. इसी वजह से सोजत को मेहंदी नगरी के नाम से भी जाना जाता है. सोजत शहर भारत की सबसे बड़ी मेहंदी मंडी हैं. इस क्षेत्र में उत्पादित मेहंदी को दुनियाभर में राजस्थानी हिना के रूप में मान्यता मिली है.
बॉलीवुड की हस्तियां बनी हैं इस हिना के रंग में रंगी
विश्व प्रसिद्ध सोजत की मेहंदी बॉलीवुड की ऐश्वर्या बच्चन और प्रियंका निक जोनस के बाद अब कटरीना कैफ भी अपने हाथों में रचाएंगी. कटरीना की सवाई माधोपुर में विक्की कौशल के होने वाली शादी के दौरान सोजत की मेहंदी अपने हाथों में सजाने के लिए के सोजत के व्यापारी नीतीश अग्रवाल की फर्म नेचुरल हर्बल को 20 किलो मेहंदी पाउडर और 400 मेहंदी कीप का ऑर्डर दिया गया है.
पूरी तरह ऑर्गेनिक है सोजत की हिना
खेतो से जब मेहंदी की फसलों की कटाई शुरू होती है, तब राजस्थान सहित मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश बिहार एवं अन्य राज्यों से भी मजदूर यहां आते हैं. हजारों मजदूरों एक महीने तक मेहंदी की फसल काटते हैं. खास बात यह है कि खेतों में मेंहदी की बुवाई सिर्फ एक बार ही होती है, जिनकी फसल की कटाई का काम कई साल तक चलता है. सोजत में सैकड़ों छोटी-बड़ी मेहंदी की फैक्ट्रियां लगी हुई हैं, जिसमें मेहंदी की पिसाई होकर थैलियों में पैकिंग होती है और पिछले कई वर्षो से महेंगी कोन का युग चला है. सोजत में मेहंदी के अलावा कली (चूना) और अजवाइन का भी उत्पादन होता है, जो विभिन्न राज्यों में सप्लाई किया जाता है.
बरवाड़ा किले पर है सुहाग की देवी का मंदिर
सवाई माधोपुर के इतिहास के जानकारों का दावा है कि फिलहाल बरवाड़ा किले पर जयपुर के राजपरिवार से जुड़े सदस्यों का आधिपत्य है. यह किला 14वीं शताब्दी के दौरान बना था. इसे चौहान राजाओं ने तैयार करवाया था. बाद में कच्छावा राजा मानसिंह ने अधीन आने के बाद राजावतों ने इस किले पर शासन किया. इस किले में चौथ भवानी माता का मंदिर है, जोकि 1451 में तैयार करवाया गया था. इस मंदिर को राजस्थान समेत आस-पास के क्षेत्रों में लोग चौथ माता यानी सुहाग की देवी के रूप में भी पूजते हैं. हर साल करवा चौथ पर्व पर यहां एक मेला भी लगता है.