Joharlive Desk
लखनऊ : हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया है। पुलिस ने घटना में शामिल तीन लोगों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है। वहीं, बिजनौर से षड्यंत्र में शामिल मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी को हिरासत में लिया गया है। यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि घटनास्थल से जांच के दौरान मिले मिठाई के डिब्बे से अहम सुराग मिले और गुजरात पुलिस की मदद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं और उन्हें भी हिरासत में ले कर पूछताछ की जा रही है।
कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम ने पिता की हत्या की जांच एनआईए से करानी की अपील की है।
डीजीपी ने प्रारंभिक जांच के आधार पर बताया कि 2015 के बयान के कारण इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है। इसके साथ ही इसमें किसी आतंकी संगठन की संलिप्तता के कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।
उन्होंने बताया कि अपराधी खास कपड़े पहनकर आए थे। हत्याकांड के तार गुजरात से जुड़े हैं। सूरत के मौलाना मोसिन सलीम शेख, फैजान जिलानी और रशीद को गिरफ्तार किया है। रशीद को कंप्यूटर का ज्ञान है और दर्जी का काम करता है। डीजीपी ने बताया कि कुछ और लोगों को हिरासत लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया।
डीजीपी ने साफ कहा कि प्रारंभिक विवेचना से स्पष्ट है कि तीनों इस हत्याकांड में शामिल रहे हैं। इसके साथ ही मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की तैयारी कर रहे हैं। एडीजी लखनऊ जोन से और टीम को सूरत भेज सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें लखनऊ लाकर पूछताछ करेंगे।
डीजीपी ने बताया कि 2015 में कमलेश ने कुछ आपत्तिजनक बात कही थी जिसके बाद मौलाना ने रशीद को उकसाया। फैजान मिठाई खरीदने में शामिल रहा, उससे पूछताछ कर रहे हैं।
दरअसल, कमलेश तिवारी की हत्या करने आए बदमाश जिस मिठाई के डिब्बे में पिस्टल-चाकू छिपाकर लाए थे, वह गुजरात के सूरत का है। यह डिब्बा सूरत के उद्योग नगर उधना स्थित धरती फूड्स प्राइवेट लिमिटेड का था। डीजीपी ने बताया कि मौके से एक रसीद मिली, जो बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे पिस्ता घड़ी मिठाई खरीदने की है। उक्त मिठाई की कीमत 680 रुपये प्रति किलो थी लेकिन बिल सिर्फ 500 रुपये का है।
बिल का भुगतान नकद रुपये में किया गया था। सूरत से दो दिन पहले खरीदी गई मिठाई के डिब्बे में पिस्टल-कारतूस छिपाकर लाने से हत्या का कनेक्शन आईएसआईएस से जोड़ा जा रहा था। लेकिन आज डीजीपी ने पुख्ता कर दिया कि इस केस का आईएसआईएस से कोई ताल्लुक नहीं है। मिठाई का डिब्बा भी गुजरात के सूरत का ही है।
संदिग्धों को पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ा
वहीं दूसरी ओर गोरखपुर से देहरादून जाने वाली ट्रेन में 5 संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया गया है। इसकी पुष्टि एसएसपी ने की है। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि ट्रैन में कुछ संदिग्धों के सफर करने की सूचना मिली थी। उनके फोटोग्राफ भी पुलिस को दिए गए थे। जिनका हुलिया कमलेश तिवारी हत्याकांड में सीसीटीवी में कैद आरोपियों से मिलता जुलता बताया गया।
इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए ट्रैन को कटघर रेलवे स्टेशन के पास आउटर पर रोका गया। करीब 30 मिनट तक ट्रेन में यूपी एसटीएफ, रामपुर पुलिस और मुरादाबाद पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से तलाशी ली गयी। जिसके बाद 5 संदिग्धों को मौके से हिरासत में लिया गया।
हिरासत में लिए संदिग्धों के आईडी प्रूफ संदेहजनक लगे। उसका वेरिफिकेशन करवाया गया। एसएसपी ने बताया कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हिरासत में लिए गए संदिग्ध लोगों को छोड़ दिया गया है। कमलेश तिवारी हत्याकांड में उनकी कोई भूमिका नहीं मिली है।