JoharLive Team
रांची : वरिष्ठ न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा को आज झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि न्यायमूर्ति हरीश चंद्र मिश्रा को झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 30 अगस्त 2019 से प्रभावी हो गई है।
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार का आज निधन होने के बाद न्यायमूर्ति श्री मिश्राा को झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।
इससे पूर्व न्यायाधीश श्री मिश्रा जुलाई 2019 में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के कार्यापालक अध्यक्ष बनाये गये थे। न्यायमूर्ति डी. एन. पटेल के दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद यह पद रिक्त हुआ था।
उल्लेखनीय है कि 27 मार्च 1959 को एक प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे श्री मिश्रा के पिता न्यायमूर्ति विश्वनाथ मिश्रा वर्ष 1981 में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुये थे। वर्ष 1974 में पटना हाई स्कूल से श्री हरीश चंद्र मिश्रा ने मैट्रिक, भागलपुर के टीएनबी कॉलेज से विज्ञान विषय में इंटरमीडिए और कॉपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री हासिल की। वर्ष 1984 में पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद 20 अप्रैल 1984 को पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता के तौर पर बार काउंसिल से जुड़े।
पटना उच्च न्यायालय में लंबे समय तक उन्होंने प्रैक्टिक्स की और वे पटना लॉ जर्नल रिपोर्ट के संपादकीय बोर्ड में सक्रिय रहे। उन्होंने कानून की कई पुस्तकें भी लिखी हैं। उन्होंने मेधा सूचि में द्वितीय स्थान हासिल कर वर्ष 1997 में बिहार वरीय न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। उन्हें 28 मई 1997 को अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश, छपरा नियुक्त किया गया। इसके बाद जून 2000 में उन्हें इसी पद पर देवघर स्थानांतरिक कर दिया गया।
झारखंड राज्य अलग होने के बाद उन्होंने झारखंड वरीय न्यायिक सेवा का चयन किया और वे 16 जून 2001 से 06 फरवरी 2002 तक अपर न्यायिक आयुक्त सह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश का पद संभाला। इस दौरान उन्होंने अविभाजित बिहार की करोड़ों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले की सुनवाई की।