धनबाद : जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की हत्या के मामले में CBI को गहरी साजिश के जुड़े क्लू और केस से संबंधित महत्वपूर्ण लीड मिली हैं। इसका दावा हत्याकांड की जांच कर रही दिल्ली CBI की स्पेशल क्राइम-2 के SP सह केस के जांच अधिकारी ( IO) विकास कुमार ने शुक्रवार को CBI के विशेष न्यायाधीश सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तृतीय रजनीकांत पाठक की अदालत में किया।

IO ने अदालत में CBI एक आवेदन दाखिल कर दोनों आरोपी राहुल वर्मा तथा लखन वर्मा से 29 जनवरी से 31 जनवरी तक 3 दिनों तक धनबाद मंडल कारा में पूछताछ की अनुमति मांगी है। कोर्ट को दिए आवेदन में CBI ने बताया कि इस मामले में अनुसंधान के दौरान कुछ नए क्लू और लीड मिले हैं, जिससे इस हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में नई जानकारियां मिली हैं।

आरोपियों से पूछताछ में साजिश पर कुछ नए तथ्य सामने आ सकते हैं। अदालत ने CBI की दलीलें सुन नाराजगी व्यक्त करते हुए मौखिक रूप से पूछा कि दोनों से कितनी बार पूछताछ की जाएगी जबकि कोई नया तथ्य सामने नहीं आ रहा। बाद में अदालत ने CBI को अंतिम बार पूछताछ की अनुमति दे दी। CBI ने ऑटो चोरी के मामले में अब तक किसी गवाह को पेश नहीं किया गया है। आरोपियों पर आरोप है कि ऑटो रिक्शा की चोरी कर ली गई तथा साक्ष्य छिपाने के लिए उसका नंबर प्लेट बदल दिया गया था।

बाद में उसी ऑटो रिक्शा से धक्का मारकर जज की हत्या की गई थी। वहीं जज हत्याकांड में 24 नवंबर को CBI के विशेष न्यायाधीश अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत ने मामले को दौरा सुपुर्द कर सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय को भेज दिया है। CBI ने शुक्रवार को CBI की विशेष अदालत में जज हत्याकांड से संबंधित केस डायरी सौंप दी। CBI इस मामले के आरोपी लखन वर्मा तथा राहुल वर्मा के खिलाफ पूर्व में ही अदालत के समक्ष आरोपपत्र समर्पित कर दिया था परंतु केस डायरी संलग्न नहीं थी।

आरोपपत्र के आधार पर निचली अदालत द्वारा अभियुक्तों के मामले का दौरा सुपुर्द करते हुए सत्र न्यायालय ने ट्रायल के लिए भेज दिया था। CBI की विशेष अदालत में यह मामला आरोप गठन के लिए रखा गया है। अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी जज उत्तम आनंद की हत्या के लिए प्रयुक्त किए गए ऑटो रिक्शा की चोरी के मामले में शुक्रवार को CBI के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह SDJM अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी लखन वर्मा तथा राहुल वर्मा को जमानत देने से मना कर दिया है।

अदालत ने दोनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। दोनों आरोपी 28 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं। दोनों आरोपियों को जज हत्याकांड से इस मामले में रिमांड किया गया था। CBI द्वारा इस मामले में भी अनुसंधान पूरा कर अदालत के समक्ष आरोप पत्र सौंपा गया है। जज उत्तम आनंद हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में विफल रहने और झारखंड हाईकोर्ट की बार-बार फटकार के बाद CBI मुख्यालय ने जांच अधिकारी को ही बदल दिया। अब CBI दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच-2 के SP विकास कुमार को नया जांच अधिकारी बनाया गया है।

अब तक ASP विजय शुक्ला यह केस देख रहे थे। नए जांच अधिकारी विकास कुमार ने शुक्रवार को कोर्ट में आवेदन देकर आरोपियों से पूछताछ की इजाजत मांगी। वहीं इसी केस में अनुसंधान में मदद के लिए धनबाद के बहुचर्चित कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह हत्याकांड का राजफाश करने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर और स्पेशल क्राइम-2 में DSP पद पर तैनात मुकेश शर्मा को भी शामिल किया है

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