धनबाद : जज उत्तम आनंद हत्याकांड में बुधवार को फॉरेंसिक विभाग के सहायक वैज्ञानिक समेत 3 लाेगाें की गवाही कराई गई। सीबीआई के विशेष न्यायधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में वैज्ञानिक अजय कुमार ने गवाही में कहा कि घटनाक्रम का रीक्रिएशन कराया था और ऑटो की जांच कर स्केच तैयार किया था। एसएसपी काे रिपोर्ट साैंप दी थी। विजुअल और सीन क्रिएशन के आधार पर समझ में आया कि ऑटाे का जज उत्तम आनंद के शरीर से एक सेकेंड के लिए संपर्क किया था। वहीं, एएनएम शीला हांसदा ने कहा कि रेलवे स्टेशन की काेविड ड्यूटी से लाैटते समय रणधीर वर्मा चौक के पास एक व्यक्ति को घायल स्थिति में गिरा देखा था।
उसके मुंह और नाक से खून निकल रहा था। एएनएम ने अपने रूमाल से खून को पोछा था और घायल व्यक्ति काे सदर अस्पताल के आकस्मिक विभाग ले गईं, जाे बंद था। तब घायल काे एसएनएमएमसीएच ले गईं। स्थानीय निवासी पवन कुमार पांडे ने बताया कि वे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रास्ते में याद आया कि माेबाइल फाेन घर में ही छूट गया, ताे वापस घर की ओर जा रहे थे। रणधीर वर्मा चौक के पास भीड़ थी। रुककर देखा, ताे एक व्यक्ति जख्मी हालत में सड़क किनारे पड़ा था। एक ऑटो को रुकवा कर घायल व्यक्ति को एएनएम शीला हांदसा के साथ सदर अस्पताल और वहां से एसएनएमएमसीएच ले गया।
धनबाद | जज उत्तम आनंद की हत्या से संबंधित ऑटो चोरी के मामले में बुधवार काे सीबीआई की ओर से पहली गवाही कराई गई। सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में एमवीआई अरुण कुमार दास को बतौर गवाह पेश किया गया। एमवीआई ने अपने कार्यालय की ओर से जारी ऑटो (जेएच 10 आर 0461) के कागजात की पहचान की। कहा कि यह ऑटाे सुगनी देवी के नाम पर रजिस्टर्ड है। ऑटो रिक्शा के दोनों इंडिकेटर टूटे थे, आगे लगा नंबर प्लेट रगड़ा हुआ था और पीछे नंबर प्लेट नहीं था। ऑटो का परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जबकि ऑटो की स्थिति सड़क पर चलने लायक थी।