रांची : JSSC CGL परीक्षा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक ओर जहां स्टूडेंट्स एग्जाम को कैंसिल कराने का लगातार आरोप लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सरकार का छात्रों की इस मांग पर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिख रहा है. इसी क्रम में आज 16 दिसंबर को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) की छात्र शाखा, झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (JSU) के बैनर तले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) कार्यालय का घेराव करने की तैयारी है. इसके लिए छात्र रांची पहुंच चुके हैं और विभिन्न लॉज व हॉस्टल में ठहरे हुए हैं.
बता दें कि इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा के परिणामों और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को रोकवाना, परीक्षा रद कर सीबीआई जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग है.
छात्रों ने सरकार पर लगाए आरोप
जेएलकेएम के नेता देवेंद्रनाथ महतो ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की ओर से सीजीएल परीक्षा की सत्यापन प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की जा रही है. श्री महतो ने सरकार से सीजीएल परीक्षा को रद्द कर सीबीआई जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, जबकि पूरे राज्य में छात्र रांची पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रशासन ने छात्रों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी शिकायतों को रखने की अपील की है.
प्रशासन ने लगाया निषेधाज्ञा और बैरिकेडिंग
रांची जिला प्रशासन ने 20 दिसंबर तक जेएसएससी कार्यालय और उसके आस-पास के 500 मीटर क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. आयोग कार्यालय के आस-पास बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस की तैनाती की गई है. प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे शांति से प्रदर्शन करें, क्योंकि हिंसा या गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने पर उनके शैक्षणिक भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.
आइसा ने की निष्पक्ष जांच की मांग
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ ने भी राज्य सरकार से सीजीएल परीक्षा परिणामों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणामों को लेकर छात्रों में भारी आक्रोश है, जो राज्य की परीक्षा प्रणाली और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है. नाथ ने इसे केवल परीक्षा परिणामों के विवाद से नहीं जोड़ते हुए इसे बेरोजगारी और भविष्य की अनिश्चितता के खिलाफ युवाओं के व्यापक संघर्ष का प्रतीक बताया.
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