रांचीः भारतीय जनता पार्टी की ओर से रविवार को रांची के मोराबादी मैदान में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा विश्वास रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और अपने संबोधन में सीधा हमला राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री और खान मंत्री के रूप में जिस तरह अपने नाम कर खनन लीज लिया, पत्नी, भाई-भतीजा के नाम आया है, उससे ये साफ है कि हेमंत सोरेन का आदिवासी कल्याण सिर्फ अपने परिवार तक सीमित है। आगे उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और हेमंत सोरेन ये पर्यायवाची बन गए हैं। उन्होंने कहा कि हम सेवा करते हैं वो मेवा खाते हैं, हम लोगों को मजबूती प्रदान करते हैं और वो हर जगह कमीशन कमाने जाते हैं। आगे उन्होंने कहा कि अपराध के मामले में पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, ये लोगों की जान माल की चिंता नहीं करने वाली सरकार और महिलाओं की इज्जत हेमंत सरकार में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की हालत अंधेर नगरी और चौपट राजा वाला हाल हो गया है।
इसके अलावा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जनपद के समय से ही पार्टी आदिवासियों की चिंता की है। भाजपा में करिया मुंडा से लेकर समीर उरांव तक जनजातीय नेताओं की श्रृंखला है परंतु आज जो राजनीतिक दल आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते हैं। उन्होंने सिर्फ आदिवासियों को लूटने का काम किया है। जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासियों के मान सम्मान बढ़ाने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया पर लंबे दिनों तक सत्ता में रही कांग्रेस को इसकी याद नहीं आयी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार जनजातीय समाज के गौरव गाथा को अगली पीढ़ी के लिए संरक्षित रखने के लिए देश मे 10 संग्रहालय का निर्माण करा रही है। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा यात्रा ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और झारखंड में निकाली जाएगी। जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में आदिवासियों का मान सम्मान बढ़ा है। जेपी नड्डा ने कहा कि आज मोदी मंत्रिमंडल में 08 जनजातीय समुदाय से हैं। आज 36 सांसद, 08 राज्यसभा में जनजातीय सांसद, 190 एमएलए, 02 राज्यपाल और एक उपमुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से हैं, ये आकंड़े बताते हैं कि सिर्फ ही आदिवासियों का सम्मान करती है।