- हर किसान पर है औसतन 40 हजार रुपए का कर्ज
- कर्ज नहीं चुकाने पर 307458 किसानों के खाते हो गए एनपीए
रांची: झारखंड के किसान हर बार छले जा रहे हैं। 23 साल में 14 साल तक किसान सूखे के नाम पर छले गए। राहत के नाम पर कुछ भी नहीं मिला। सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य के लगभग 39 लाख किसानों पर लगभग विभिन्न बैंकों पर 5000 करोड़ रुपए का कर्ज है।सूबे के प्रत्येक किसान औसतन 40 रुपए का कर्जदार है। झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के 3.44 लाख किसान कर्जदार हैं। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया व स्टेट बैंक का नंबर आता है। राज्य में 307458 किसान ऐसे हैं, जो समय पर कर्ज नहीं चुका सके और उनके खाते एनपीए हो गए। इन किसानों पर 1503 करोड़ का कर्ज है। साल 2022 झारखंड के लिए बहुत बुरा बीता। इस साल पड़े सूखे की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ। साल 2022 का मॉनसून बीतने के बाद झारखंड सरकार ने राज्य के दो जिले (पूर्वी सिंहभूम एवं सिमडेगा) को छोड़कर 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया। राज्य सरकार का अनुमान था कि लगभग 30 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। लेकिन 15 मार्च 2023 तक 33,16,789 किसान राज्य सरकार द्वारा घोषित मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का फायदा उठाने के लिए आवेदन कर चुके हैं। इस बार के सूखे की विकरालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के पोर्टल के मुताबिक 15 मार्च तक जिन किसानों ने आवेदन किया है, उनमें से 17,28,138 किसान (52.10 प्रतिशत) बिल्कुल भी बुआई नहीं कर पाए, जबकि 9,99,859 किसानों को 33 प्रतिशत से ज्यादा फसल की क्षति हुई है, जबकि 5,88,792 भूमिहीन कृषक मजदूरों ने राहत के लिए आवेदन किया है।
बैंकवार किसानों की संख्या राशि(करोड़ में)
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक 344427 1747.20
बैंक ऑफ इंडिया 255518 1066.61
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 139713 391.43
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 36336 180.33
पंजाब नेशनल बैंक 33831 57.03
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 27607 134.84
इंडियन बैंक 26015 123.02
केनरा बैंक 20709 117.50
बैंक ऑफ बड़ौदा 8615 38.59
यूको बैंक 6623 25.73
आइडीबीआइ 4990 27.04
इंडियन ओवरसीज बैंक 1574 5.20
झारखंड स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक 1509 7.54
एचडीएफसी बैंक 192 15.33
पंजाब एंड सिंध बैंक 93 0.69
धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक 25 0.06