सत्य शरण मिश्रा
रांची : सरकारी पैसे के बंदरबांट और दुरुपयोग का नजारा देखना तो सीधे चले आइये राजधानी रांची के विवेकानंद सरोवर (बड़ा तालाब) के पास. यह ऐतिहासिक तालाब पिछले कई दशक से आंसू बहा रहा है. हर साल-दो साल में नगर विकास विभाग इसके सौंदर्यीकरण के लिए योजनाएं बनाता है. करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन कभी इस तालाब को गंदगी और बदबू से निजात नहीं मिल पाता है. 14.89 करोड़ रुपये इस तालाब के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के नाम पर फूंक दिये गये, लेकिन सौंदर्यीकरण तो नहीं हुआ, हां गंदगी और बदबूदार पानी इसकी पहचान जरूर बन गई. पिछले कई दिनों से बड़ा तालाब का पानी काफी बदबू दे रहा है. अपर बाजार, हिंदपीढ़ी और आसपास के इलाके के लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. करीब डेढ़ किलोमीटर तक बदबू फैल रही है. वहीं तालाब के आसपास से गुजरने वाले लोग वहां से नाक बंद करके गुजर रहे हैं. डेंगू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों के पनपने का खतरा बना हुआ है. हर बार की तरह इस बार भी नगर निगम की टीम ने पानी का सैंपल लिया है और जांच के लिए भेज दिया है.
जनता को बदबू और गंदगी में छोड़कर बाहर चले गये थे साहब
बड़ा तालाब के मेंटेनेंस का जिम्मा जिस एजेंसी को मिला है वह मेंटेनेंस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. कंपनी के पदाधिकारी नीरज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बड़ा तालाब से बदबू की शिकायत मिलने के बाद नगर निगम की टीम ने पानी का सैंपल लिया है. यह सैंपल सिंदरी भेजा गया है. 2-3 दिन में वहां से रिपोर्ट आ जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक केमिकल का चयन करके बड़ा तालाब में डाला जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि पिछले 15 दिनों से पानी में बदबू की शिकायत मिल रही थी तो निगम की टीम को पानी का सैंपल लेने में 15 दिन कैसे लग गया. इसपर नीरज ने सफाई दी कि वे रांची से बाहर थे इसलिए ध्यान नहीं दे पाये. मतलब सिर्फ एक छोटी सी लापरवाही के कारण राजधानी के 30 हजार से ज्यादा लोगों ने पिछले 15 दिनों में नर्क यातना झेली है. यातना अभी खत्म नहीं हुई. सैंपल की रिपोर्ट तीन दिन के बाद आएगी और उसके बाद केमिकल डाला जाएगा. यानी अभी भी लोगों को राहत मिलने में कम से कम 5 दिन और लगेंगे.
पानी पूरी तरह साफ होने में 6 महीने से एक साल का लगेगा समय
नीरज ने बताया कि बड़ा तालाब के किनारे बने एसटीपी से पानी फिल्टर कर तालाब में डाला जा रहा है. तालाब के अंदर फिलहाल साफ पानी पहुंच रहा है. अभी जो बदबू और गंदगी दिख रही है वह तालाब के अंदर मौजूद पहले की गंदगी है. गर्मी की वजह से पानी का स्तर घट गया है और अंदर की गंदगी बाहर आ गई है. आखिर कब तक तालाब का पानी पूरी तरह साफ होगा इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें कम से कम 6 महीने से एक साल का समय लग सकता है.
8.20 करोड़ में बना एसटीपी, फिर भी पानी गंदा
रांची नगर निगम ने 14.89 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बड़ा तालाब के संरक्षण की योजना तैयार की थी. तीन चरणों में काम को कंप्लीट किया जाना है. चारदीवारी, पैदल पथ, प्रकाश व्यवस्था और बैठने की व्यवस्था समेत कई अन्य सौंदर्यीकरण कार्य जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. दरअसल अपर बाजार और आसपास के इलाकों का गंदा पानी तालाब में जाने के कारण यह तालाब काफी गंदा था. नगर निगम ने 8.20 करोड़ रुपये खर्च कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया, ताकी गली-मुहल्लों और सीवर का गंदा पानी साफ कर तालाब में भेजा जाए. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू भी हो गया है. पिछले 8 महीने से अपर बाजार की ओर से आनेवाले नालों का पानी एसटीपी में फिल्टर होकर तालाब में गिरता है. ऐसे में अब लोग कहने लगे हैं कि एसटीपी में वाटर फिल्ट्रेशन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.