Joharlive Desk
पटना। बिहार सरकार ने सरकारी सेवकों के कार्यकलाप की आवधिक समीक्षा के लिए एक समिति का गठन कर दिया है और अब पचास वर्ष या उससे अधिक उम्र के सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्य दक्षता एवं क्षमता कमजोर हुई तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी ।
सामान्य प्रशासन विभाग के जारी संकल्प में कहा गया है कि सरकारी सेवकों के कार्यकलाप की आवधिक समीक्षा के लिए प्रक्रिया का निर्धारण राज्य सरकार के समक्ष विचाराधीन था। सरकार ने इसके लिए समिति का गठन कर दिया है।बिहार सेवा संहिता के नियम 74 (क) अथवा 74 (ख) (दो) के प्रावधानों के तहत राज्य के सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की अब आवधिक समीक्षा की जाएगी।
संकल्प के अनुसार समूह ‘क’ के 50 वर्ष की आयु वाले सरकारी सेवकों के कार्यकलाप की आवधिक समीक्षा के लिए अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। समूह ‘ख’ के सेवकों के कार्यकलाप की समीक्षा अपर सचिव या संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। इसी तरह समूह ‘ग’ एवं अवर्गीकृत समूह के सेवकों की कार्य दक्षता और क्षमता की समीक्षा संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी।
सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प में कहा गया है कि समिति 50 वर्ष के अधिकारियों और कर्मियों की सत्यनिष्ठा का संदिग्ध होना एवं कार्य दक्षता या आचार जैसे बिंदुओं के आधार पर समीक्षा करेगी। सरकारी सेवक के पूर्ण सेवा इतिहास (पिछले पांच वर्ष के कार्य का मूल्यांकन) पर विचार किया जाएगा। समिति की समीक्षा रिपोर्ट पर विचार करने के बाद संबंधित नियुक्ति प्राधिकार का अनुमोदन प्राप्त कर संबंधित सरकारी सेवक को अनिवार्य सेवानिवृत्त कराये जाने निर्णय लिया जाएगा।