JoharLive Desk
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के वकील ने आज जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में अभियोजन चलाने के लिए स्वीकृति देने पर पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि यह मामला अभी लंबित है। उसके बाद कोर्ट ने इस मामले के जांच अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने जांच अधिकारी को 11 दिसम्बर को तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसम्बर को होगी।
पिछले 18 सितम्बर को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो अभियोजन चलाने के लिए स्वीकृति देने पर एक महीने में फैसला करें। पिछले 23 जुलाई को इस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया था कि चार्जशीट पर अनुमति देने के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी से मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
पिछले 8 अप्रैल कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फैसला लेने लिए 23 जुलाई तक का समय दिया था। पिछले 5 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जल्दबाजी में और गोपनीय तरीके से चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि वे एक महीने में इस संबंध में फैसला कर लेंगे।
पिछले 3 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में अनुमति देने के मामले पर फैसला लेने में एक महीने का वक्त लग सकता है। तब चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वे यह बताएं कि आखिर कब तक इस मामले पर आप फैसला कर लेंगे।
9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैम्पस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वाण भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल यह तीनों जमानत पर हैं।