रांची : भाजपा की समीक्षा बैठकों में मारपीट और हंगामा को लेकर झामुमो के दिये बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भाजपा की समीक्षा बैठक पूरे प्रदेश में चल रही है. अधिकांश जगहों पर कार्यकर्ता सुचारू रूप से फीडबैक दे रहे हैं. सिर्फ देवघर में कुछ बाहरी तत्वों के द्वारा हंगामा करने की सूचना आई थी. यह पूरा मुद्दा प्रदेश नेतृत्व के संज्ञान में है. प्रतुल ने कहा कि भाजपा पर सवाल उठाने वाले झामुमो को जरा अपने सहयोगी दल कांग्रेस का झारखंड में भी ट्रैक रिकॉर्ड देख लेना चाहिए. 21 जून 2013 को रांची के कांग्रेस भवन में दो गुटों के बीच में वर्चस्व की लड़ाई में दिनदहाड़े दर्जनों राउंड गोलियां चली थी और पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया था. इसके बाद 1 जुलाई 2019 को लोकसभा की हार की समीक्षा बैठक के दौरान तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार को कांग्रेस कार्यालय में घुसने तक नहीं दिया गया और पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा था. प्रतुल ने कहा भ्रष्टाचार समेत दर्जनों मामलों में चौतरफा घिरी झामुमो ध्यान भटकाने के लिए नया नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है.

 

सीता सोरेन के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहा झामुमो

 

प्रतुल ने कहा कि आज यह लोग सीता सोरेन के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. जिस समय सीता सोरेन ने सोरेन परिवार के उपर उनकी और उनकी बेटियों की उपेक्षा का आरोप लगाया था तो झामुमो चुप रहा. सीता सोरेन ने अपने आंदोलनकारी पति स्व दुर्गा सोरेन की मौत को संदेहास्पद बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी तो झामुमो को सांप सूंघ गया था. आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब सत्ताधारी गठबंधन के प्रथम परिवार के भीतर मां समान बड़ी बहू की अपेक्षा की गई हो तो इन से आम लोगों के लिए न्याय की उम्मीद की बात सोचना भी बेमानी है. वैसे अगर झामुमो आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है तो उसे अपने ही गठबंधन के विधायक लोबिन हेंब्रम, चमरा लिंडा, अंबा प्रसाद,  इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह के द्वारा अलग-अलग समय पर सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों का भी प्रेस कांफ्रेंस कर जवाब देना चाहिए.

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