रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) विधायक सीता सोरेन ने आज राजभवन जाकर राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और बिना अनुमति वनों कटाई और कोयले के अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

जामा की जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में कहा कि आज प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेवारियों से भटक गये हैं। सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के अधिकारी नियम कानून को ताक पर रखकर झारखंड राज्य को लूटने में लगे हुए है। स्थिति यह है कि अधिकारी लिखित सूचना देने पर कार्यवाही नहीं करते, विधानसभाा में पूछ गये प्रश्न पर सरकार को गलत जवाब देकर सदन को भी गुमराह करते है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अधिकारियों द्वारा गैर कानूनी कार्य को बंद कराने की जगह उसको कानूनी रूप देने की कोशिश की जाती हैं।

विधायक श्रीमती मती सोरेन ने बताया कि वर्ष 2019-20 में आरकेटीसी कंपनी को सीसीसीएल के विशेष आशीर्वाद से चतरा जिले के टंडवा अंचल स्थित सीसीएल के आम्रपाली कोयला खदान में फूलबसिया रेलवे साइंिडग तक 8000 टन प्रतिदिन कोयला ट्रांसपोर्ट कर लगभग 300 करोड़ का ठेका मिला। इस ठेके में प्रावधान था कि कोयला आम्रपाली खदान से टंडवा शहीद चौक होते हुए फूलबसिया साइंिडग को जाएगा , जिसका मार्ग लगभग 34 किमी था। इस बीच आरकेटीसी कंपनी ने कुमदागखुर्द सुरक्षित वन क्षेत्र में 4.57 एकड़ वन भूमि में सैकड़ों पेड़ काटकर एक रास्ता बना लिया, जिससे की कि रास्ते की दूरी 9 किमी कम हो गयी और सीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से 34 किमी रोड़ ट्रांसपोर्ट की दर से भुगतान होता रहा। इसके माध्यम से आरकेटीसी कंपनी लगभग 10 लाख रुपये प्रतिदिन अतिरिक्त फायदा कमाती रही। इस मामले को वह विभिन्न माध्यमों से विधानसभा में भी उठाने का काम किया, लेकिन सरकार की ओर से उनका बचाव किया जा रहा है और अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तथा धड़ल्ले से वनों की कटाई तथा अवैध परिवहन का काम जारी हैं। उल्लेखनीय है कि सीता सोरेन के देवर हेमंत सोरेन इस समय राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

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