रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति की मांग जारी रहेगी। लोबिन मंगलवार को पुराना विधानसभा सभागार में खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति की मांग को लेकर आयोजित बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्हें अब हेमंत सरकार से उम्मीद नहीं है। लेकिन बावजूद इसके वह उम्मीद रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 22 साल पहले बिहार झारखंड से अलग हो गया था, पर झारखंड आज तक बिहार से अलग नहीं हो सका है। बाहर के लोग कहते हैं कि 1932 के स्थानीय और नियोजन नीति बनाने से हंगामा होगा। ये वही बाहरी लोग हैं जो झारखंड के आदिवासी-मूलवासी लोगों की जमीन, यहां के खनिजों पर अपनी नजर गड़ाये हुए हैं। लोबिन ने इस बात को प्रमुखता से कहा है कि उनकी मांग केवल एक ही है, 1932 के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति पहले लागू हो, फिर सीएनटी-एसपीटी एक्ट और पेसा कानून को मजबूती से लागू किया जाये।
उन्होंने कहा कि राज्य के आदिवासी मूलवासी के हित में अगर अपनी ही सरकार के खिलाफ नहीं बोलेंगे, तो कब बोलेंगे। लोग कहते हैं कि पार्टी से मुझे निकाल दिया जाएगा। मैं कहता हूं कि अगर किसी को दिक्कत है तो मुझे पार्टी से निकाल दें, देर करोगे तो पछताना पड़ेगा। बैठक के दौरान लोबिन हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अप्रैल के अंत तक खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति लागू नहीं होती है, तो वह पांच मई को झारखंड बंद का आह्वान करेंगे। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण उन्होंने बंद को स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि आगामी नौ जून को बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर वे और उनके समर्थक राजधानी से उलगुलान की शुरुआत करेंगे।