जामताड़ा: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का भाषण न सिर्फ़ उनके संकीर्ण सोच को प्रकट करता है बल्कि बीजेपी की महिला विरोधी सोच को भी उजागर करता है. आधुनिक समाज जहां एक तरफ़ नारी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है वही हिमंता जैसे लोग आज भी अर्द्धांगिनी को पैरों की जूती समझते है, उनके चूल्हा-चौका तक सीमित रहने वाली घर की बेड़ियों में बांध कर रखने वाले नीचले दर्जे के सोच से पीड़ित है. सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप मंडल ने एक प्रेस बयान जारी कर असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा के भाषणों पर कड़ी आपत्ति जताई है. प्रदीप ने कहा कि कुप्रथाओं का नाश सामाजिक रूप से तो हो गया, पर कुछ लोगो के मस्तिष्क में आज भी वही “झूठी शान- नारी को घर की चौखट के अंदर क़ैद करने की घटिया मानसिकता” जीवित है. अर्धांगनी पति का आधा रूप होती है, उसे कभी अधीन समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. कहा कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने जोबा मांझी को मंच दिया, सविता महतो को मंच दिया, सीता सोरेन को मंच दिया, बेबी देवी को मंच दिया, कल्पना सोरेन को मंच दिया, महुआ मांझी को मंच दिया लेकिन इनको अपना प्रतिनिधि जनता ने चुना है. जनता का प्रतिनिधि थोपा नहीं जाता आवाम चुनती है. प्रदीप ने कहा कि आज झारखंड के गांवों में ये देखने लायक़ है कि कल्पना सोरेन ने इतने कम समय में जो लोगो के दिलों में स्थान बनाया है वो राजनीति में बहुत कम लोगो को मिलता है और आज अगर बीजेपी डर रही है तो उसी महिला से जो कभी बच्चों की परवरिश और बड़ो की सेवा को नियति मान कर अपने अर्धांगिनी का धर्म निभा रही थी. कहा कि बीजेपी की साजिश ने विवश किया और वो चौखट लांघ कर आज न सिर्फ झारखंड बल्कि हिंदुस्तान में आदिवासी शक्ति और नारी शक्ति की आवाज बन गई है. प्रदीप ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ये संदेश देती है कि हिमंता जी की अर्द्धांगिनी रिनिकी सरमा अगर जन सेवा की इच्छा रखती है और आवाम को लगता है कि उनमें काबिलियत है तो अबुआ परिवार उनका स्वागत करने को तैयार है. कहा कि मंच झारखंड मुक्ति मोर्चा देगी और मन जनता का उन्हें जितना होगा. जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि असम के सीएम व बीजेपी के झारखंड सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने बयान में कहा कि हेमंत सोरेन ने कल्पना सोरेन को आगे लाकर मेरे घर में झगड़ा करा दिया, क्यूंकि मेरी पत्नी भी कह रही कि मुझे भी नेता बनाओ. इस बयान से न सिर्फ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है बल्कि कई नारी संगठनों ने भी अपना विरोध जताया है और हिमंता सरमा से माफी की मांग की है