जामताड़ा : सवाल तो रह गए पर चले गए समझने वाले. सवाल है कि समझते नहीं, यही तकिया कलाम था उस कद्दावर नेता का जिनके किसी भी सवाल के सामने मुंह खोलने की हिम्मत जिले के किसी भी नेता में आज तक नहीं हुई. श्यामलाल दा यूं तो झामुमो के जिला अध्यक्ष जीवनपर्यंत रहे पर उनकी इज्जत सभी पार्टी के नेता, कार्यकर्ता, स्थानीय लोग एक जैसा करते रहे. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्यामलाल हेम्ब्रम का निधन शनिवार को दुर्गापुर में एक निजी अस्पताल में हो गया. वे काफी दिनों से बीमार थे इसके वावजूद वे कभी भी जिला के राजनीति से अलग नहीं हुए. पाँच दिन पूर्व ही उन्होंने धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेकर अपनी राजनीतिक सक्रियता को बरकरार रखने का काम किया था. अचानक उनकी तबियत बिगड़ जाने से उनको दुर्गापुर में भर्ती कराया गया था, जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली.

उन्होंने जेएमएम के सिंबल पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा और वर्तमान में बीस सुत्री जिला उपाध्यक्ष भी थे. लगातार कई दशकों से जिलाध्यक्ष की कमान संभाले हुए थे. आदिवासी समाज में उनकी काफी पकड़ थी, इसके साथ ही अन्य समाज के लोगों का साथ उनको मिला, जिससे उन्होंने 2022 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला परिषद के सदस्य के रूप में जीत हासिल किया. श्यामलाल हेम्ब्रम का जिले की राजनीति में एक विशेष पहचान रही है, उन्होंने अलग राज्य के आंदोलन में दिशोम गुरू शिबू सोरेन के साथ सक्रिय रुप से भाग लिया था. गुरु जी के साथ उनकी काफी नजदीकी थी. जिससे गुरुजी भी उनको अपने परिवार का सदस्य मानते थे.

उनके पार्थिव शरीर को सर्वप्रथम जामताड़ा स्थित पार्टी कार्यालय लाया गया जहां श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित हुए. सारठ विधानसभा से पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुनाव सिंह, स्थानीय विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी, भाजपा नेता हरिमोहन मिश्रा सहित अन्य सभी लोगों ने उनके निधन पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की. उनके निधन की खबर सुनकर जिले भर के लोग स्तब्द्ध हैं और शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. जेएमएम के केंद्रीय समिति सदस्य अशोक मंडल, जेएमएम नेता साकेस सिंह, राजद जिलाध्यक्ष दिनेश यादव, जेएमएम अब्दुल मन्नान अंसारी के अलावे अन्य सभी दलों के नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.

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