जामताड़ा : साइबर अपराध का गढ़ माना जाने वाला नारायणपुर थाना क्षेत्र के झिलुआ गांव में शिक्षा का कद बढ़ा हुआ दिखाई दिया। इसी झिलुआ गांव के अभिषेक ने अपराध के मिथक को तोड़ते हुए एक नया कृतिमान स्थापित किया है। अभिषेक मंडल ने सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर ना केवल अपने माता-पिता का बल्कि जिला का भी नाम रौशन किया है। इतना ही नहीं साइबर गढ़ के उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है जो अपनी क्षमता का उपयोग सही दिशा में करके अपनी अलग पहचान बनाई और साइबर कलंक के दाग को धोने का काम किया। अभिषेक मंडल एक बहुत ही साधारण परिवार का युवक है। इसके माता-पिता दोनों सहायक अध्यापक हैं। मां राखी कुमारी एवं पिता मंटू मंडल ने अपनी सुख सुविधाओं का त्याग कर आर्थिक तंगी को झेलते हुए बेटे को डीएवी स्कूल में पढ़ाया और बारहवीं तक की शिक्षा पूरी कार्रवाई। उसके बाद अभिषेक सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से स्नातक पास किया और सीए की तैयारी करने लगा। इस वर्ष उसने सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। शुक्रवार को अभिषेक अपने माता-पिता के साथ मां चंचला मंदिर में माथा टेका और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। अभिषेक की सफलता से परिवार सहित इलाके में खुशी की लहर है। आज उस इलाके की नजर इस गुदरी के लाल पर है जिसने साइबर अपराध के दलदल में फंस रहे युवाओं से अलग हटकर एक नई मिसाल पेश करने का काम किया है। अभिषेक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। जिन्होंने तमाम इच्छाओं को त्यागते हुए अभिषेक की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज अभिषेक की सफलता साइबर अपराध के दलदल में फंसे इस क्षेत्र के युवाओं के लिए भी है, जो पैसे तो कमा लेते हैं पर सुख चैन से उनका दूर-दूर तक नाता नहीं है। सभी ऐसो आराम होने के बावजूद भी साइबर अपराध से जुड़े युवा दहशत भरी जिंदगी जीते हैं। ऐसे युवाओं को अभिषेक से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने मेहनत को सार्थक रूप देकर समाज और परिवार के लिए मिशाल कायम करना चाहिए।