दिल्ली। झारखंड के अलग-अलग जिलों से नवजात बच्चों को लाकर दिल्ली में बेचे जाने का बड़ा मामला खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे ही गैंग के 7 लोगों को गिरफ्तार करते हुए पूरे गिरोह का उद्भेदन किया है। गिरफ्तार लोगों में पांच महिलाएं और 2 पुरूष शामिल हैं। गैंग का खुलासा दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने नकली ग्राहक बनकर किया है। नकली ग्राहक बन पहुंची पुलिस को चार लाख रुपये में एक बच्चा बेच रहा था। पुलिस ने यह रकम और बच्चे को बरामद कर लिया है।
इस मामले में डीसीपी विचित्र वीर के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई जसवीर सिंह को सूचना मिली थी कि मधु शर्मा नामक महिला अपनी दोस्त वीना के साथ एक बच्चे को 6.50 लाख रुपये में बेच रही है। उसके साथ नकली ग्राहक बनकर पुलिस ने डील की। बात तय होने पर बताई गई जगह पर दोनों महिलाएं अपनी साथी बरखा, ज्योति और बबलू के साथ बच्चे को डिलीवर करने के लिए आए। उन्हें 4 लाख रुपये नकली ग्राहक की तरफ से दिए गए और यह बच्चा नकली ग्राहक को दे दिया गया। उसी समय यहां छापा मारकर पुलिस ने चारों महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से नकदी और बच्चा भी बरामद कर लिया गया।
छानबीन के दौरान दो अन्य आरोपी पवन उर्फ मामा और सिमरन नामक महिला को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि ज्योति एक आईवीएफ क्लिनिक में काम करती है। वहां पर वह उन लोगों के संपर्क में आई जिनके बच्चे नहीं हैं। इससे उन्हें ग्राहक मिलने लगे। धीरे-धीरे वह बच्चे बेचने का एक गैंग बन गया। ज्योति वहां पर बच्चे की चाहत में आने वाले लोगों से बातचीत करती और अगर वह अपना इंटरेस्ट दिखाते तो वह उन्हें बच्चा बेचती थी। उन्हें पता था कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में काफी परेशानियां होती हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बबलू, बरखा, वीणा, मधु, ज्योति, पवन और सिमरन देवी के रूप में हुई है। इनमें से बबलू भागीरथ बिहार का रहने वाला है, जबकि बाकी सभी आरोपी दिल्ली के ही रहने वाले हैं। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह झारखंड निवासी कुतुबुद्दीन को जानते हैं जो बच्चों का बंदोबस्त करता था। वह नवजात बच्चों को झारखंड से लाकर उन्हें सनी देवी उर्फ सिमरन को बेचता था। इस मामले में पुलिस टीम को झारखंड भेजा गया कुतुबुद्दीन को पकड़ने के लिए, लेकिन वह भाग गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।